BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में 6 साल की मासूम बच्ची से रेप करने वाले आरोपी को 23 साल के बाद सजा मिली है। जब आरोपी ने दुष्कर्म की घटना मासूम के साथ की तब वह 35 वर्ष का था। कोर्ट ने सजा भी सुनाई लेकिन उसे जमानत मिल गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट में अपील की थी मामला लंबित होने के कारण आरोपी सालों से बाहर था। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 23 साल बाद हुई और आरोपी ट्रायल कोर्ट की सजा को बरकरार रखा है। अब आरोपी का बुढ़ापा जेल में बीतेगा।
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बता दें, मामला दुर्ग जिला निवासी 35 वर्षीय आरोपी ने अगस्त 2001 में खेल रही 6 वर्ष की मासूम बच्ची को अपने घर ले जाकर बेडरूम में ले जाकर उसके कपड़े उतार दुष्कर्म का प्रयास किया। बच्ची रोते हुए उसके घर से बाहर आयी। बच्ची की मां ने रोने का कारण पूछा तो उसने आरोपी द्वारा किए गए कृत्य के विषय में पूरी जानकारी मां को दी। मां ने मामले की रिपोर्ट लिखाई।
पुलिस ने मेडिकल एवं आवश्यक कार्रवाई के बाद आरोपी को धारा 376, 511 के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश्ज्ञ किया। न्यायालय ने पीड़िता मासूम के बयान और गवाहों के बयान सहित 9 गवाहों का प्रतिपरीक्षण के उपरांत आरोपी को 2002 में तीन वर्ष 6 माह कैद एवं 500 रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया। आरोपी ने 2002 में सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील पेश की। अपील लंबित रहने के दौरान आरेापी को जमानत मिल गई।
अपील पर कोर्ट ने अगस्त 2024 में अंतिम सुनवाई की। अपीलकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार नहीं हो पाना पाया है। सिर्फ प्रयास किया गया है। माला 354 का बनता है। आरोपी ने जवानी में अपराध किया था वर्तमान में बुजुर्ग एवं विकलांग है पारिवारिक जिम्मेदारी भी है। इस कारण से जेल में बिताए हुए 10 माह 6 दिन की सजा को बदलकर छोड़ने निवेदन किया।
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वहीं शासन ने इसका विरोध किया। कहा कि 6 साल की बच्ची के साथ बलात्कार किया गया है। इस कारण मामले में हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सनने के बाद कहा कि मासूम के बयान से अपराध सिद्ध हुआ है। इसके अलावा अन्य गवाहों ने भी अपराध की पुष्टि की है। हाईकोर्ट ने अपील खारिज करते हुए अपीलकर्ता को 4 सप्ताह के अंदर सरेंडर करने का आदेश जारी किया है। सरेंडर न करने पर पुलिस को गिरफ्तार कर कोर्ट में सूचना देने कहा है।