संजीव सोनी
LALITPUR. ललितपुर का ऐतिहासिक सुम्मेरा तालाब भक्त और भगवान के मिलन का साक्षी बना। बुन्देलखण्ड का परम्परागत डोल ग्यारस का त्योहार शनिवार को अगाध श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। नगर व आसपास के देवालयों में प्रात: से ही धार्मिक अनुष्ठान हुए। श्रीजी (लड्डू गोपाल जी) के अभिषेक व हवन-पूजन हुए। भजन-कीर्तन के साथ श्रीजी को आकर्षक विमान में विराजित कर सुम्मेरा तालाब पहुँचे। यहाँ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान बाँके बिहारी के गगनभेदी जयकारे लगाते हुए श्रीजी का जलाभिषेक कर जलविहार कराया गया। यह एक तरह से भगवान लड्डू गोपाल जी की माँ का कुआं पूजन कार्यक्रम है।
विमानश्री के नयनाभिराम जलविहार दर्शनार्थ हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए और भगवान की भव्य सामूहिक आरती में शामिल होकर स्वयं को कृतार्थ किया। सर्वप्रथम चौबयाना स्थित श्री रघुनाथजी बड़ा मन्दिर का मुख्य विमान कंधे पर उठाकर सुम्मेरा तालाब की ओर चले। यहाँ से रास्ते में पड़ने वाले मन्दिरों के विमानश्री एक-एक कर शामिल होते गए जो शोभायात्रा के रूप में परिवर्तित हो गए।
शिवनी मसौराकला आदि आसपास के ग्रामीण अंचलों के मन्दिर के विमान एकत्र हुए। आकर्षक रूप से सजाए गए सुम्मेरा तालाब के घाटों पर विद्वान पण्डित द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच श्रीजी का गंगा जल से अभिषेक, भगवान का पचांग पूजन, तालाब के 12 बुर्ज से राज आरती एवं पुष्पांजलि वंदना की गई। इसके बाद सभी विमानों के रामलीला प्रांगण में एकत्रित होने के बाद नृसिंह रामलीला समिति द्वारा एक साथ भगवान बाँके बिहारी की महाआरती व परिक्रमा हुई।
श्रीनृसिंह रामलीला समिति द्वारा रामलीला प्रांगण में विमानश्री के सामूहिक आरती के लिए आकर्षक गोल आकार के सजाए गए पण्डाल में महाआरती के दौरान पुष्पवर्षा व गगनभेदी जयकारों के बीच श्रद्धालुओं ने पुण्यार्जन किया। यहाँ से चलकर विमानजी कटरा बाजार में स्थापित गणेश एवं नवदुर्गा महोत्सव समिति द्वारा सजाई गयी गणेशजी झाँकी पर पहुँचे। यहाँ सभी विमानों को आसीन कराकर पुन:भव्य आरती का आयोजन किया गया। यहाँ भगवान गणेश जी की झाँकी को भी मनमोहक तरीके से सजाया गया था।
इसके बाद विमान श्री जगदीश मन्दिर व घण्टाघर स्थित श्रीथानेश्वर मन्दिर पर इकत्र हुए। यहाँ भी परम्परागत रूप से बड़ी आरती का आयोजन किया गया। जहाँ से विमान अलग-अलग स्थानों से होते हुये विभिन्न मोहल्लों से निकले जहाँ घर-घर पर भगवान के विमानजी की श्रद्धालुओं द्वारा आरती उतारी गयी। श्रद्धालु भगवान को अपने घर के सामने पाकर धन्य हो गये। फिर भगवान मन्दिरों में यथा स्थान विमान सहित वापस जाकर विराजमान हुये और शोभायात्रा सानन्द सम्पन्न हुयी। इस दौरान पूरे समय भगवान के दर्शन के लिये भक्तगणों का ताँता लगा रहा।
डोल ग्यारस पर्व के मद्देनजर श्रीरामलीला हनुमान जयन्ती समारोह समिति के कार्यकर्ताओं व नगर पालिका प्रशासन द्वारा पूर्व से ही तैयारियाँ की जा रही थीं। नगर पालिका प्रशासन द्वारा तालाब को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। विमानश्री की यात्रा व्यवस्थाएं दुरुस्त की गयी थीं। जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों के अलावा नपा ने भी मौका मुआयना कर तैयारियों का जायजा लिया था। आयोजन की पूर्व संध्या से ही तैयारियों को अन्तिम रूप दिया गया और जलविहार से पूर्व सभी तैयारियों को दुरुस्त कर लिया गया।
शोभायात्रा के दौरान सावरकर चौक पर श्री रामराजा व्यायायाम मन्दिर एवं जिमनेजियम व दुर्गा वाहिनी रेजीमेट की बहनों द्वारा भव्य मंच पर सजाई की झाँकियों के बीच भव्य आरती की और फूलों की बारिश की गई। आलम यह था कि पुष्पवर्षा से विमानश्री का पथ फूलों से पट गया। विमानपथ के दोनों ओर से पुष्पवर्षा की जा रही थी। वहीं घण्टाघर पर बड़ी आरती के दौरान पुष्पवर्षा की गई। इस दौरान विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, हिन्दू युवा वाहिनी, ब्राह्मण महामण्डल के अलावा कई संगठनों के लोग उपस्थित रहे।