BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में प्रदेश में संचालित इंटर सिटी और सिटी बसों के संचालन, रखरखाव और आम आदमी को दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर डिवीजन बेंच में जनहित याचिका की सुनवाई हो रही है। याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में हुई। राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि दिसंबर महीने में पीएम ई-बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। किराए के संबंध में बताया कि प्रति किलोमीटर 8.75 रुपये किराया तय किया गया है। इस दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि किराया राउंड फिगर में तय करें। आम आदमी कहा से लेकर आएगा 25 पैसे चिल्हर।
बता दें, हाईकोर्ट चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने राज्य शासन से पूछा कि दिव्यांगों के अलावा नक्सल प्रभावितों और 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए ई-बसों में यात्रा के दौरान क्या रियायत दी जाएगी। आम जनता को मिलने वाली सुविधाओं का स्पष्ट उल्लेख करते हुए शपथ पत्र के साथ दोबारा जवाब पेश करने निर्देश दिया गया है।
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पीआइएल की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ कहा कि शासन द्वारा पेश किए हलफनामा के साथ जवाब में इन सब बातों का उल्लेख नहीं है। लिहाजा दोबारा शपथ पत्र के साथ सुविधाओं को लेकर साफ-साफ जानकारी दी जाए। पीआइएल की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 15 अक्टूबर की तिथि तय कर दी है।
कोर्ट ने स्वतः लिया संज्ञान
बिलासपुर में सिटी बसों की जर्जर हालत और प्रदेश में चल रही अंतर नगरीय बस सेवा को लेकर हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है और जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई शुरू की है। प्रारंभिक सुनवाई में जब कोर्ट ने पूछा था कि खटारा होती जा रही बसों को लेकर शासन क्या कर रहा है।
तब राज्य शासन की ओर से बताया गया था कि केन्द्र से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पीएम ई-बसें बड़ी संख्या में आ रही हैं। दिसंबर माह से यही बसें बिलासपुर में भी चलेंगी। इससे खस्ताहाल बसों की समस्या नहीं रह जाएगी। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने बताया था कि बस संचालकों को टैक्स से काफी छूट मिली हुई है। सिटी बसों के बारे में उन्होंने शासन की नई योजना का जिक्र किया था। इसमें इलेक्ट्रानिक बसें इसी साल के अंत से चलाई जाएंगी।