BHILAI. सऊदी अरब में काम कर रहे भिलाई सेक्टर-7 निवासी डिप्लोमा इंजीनियर शहजाद खान की रेगिस्तान में भटक कर मौत हो गई। शहजाद सऊदी के रेगिस्तान रुब-अल खाली में फंस गया था। वहां उसके फोन और गाड़ी के जीपीएस ने काम करना बंद कर दिया था। तीन दिन तक रेगिस्तान में भटकते और तूफान में फंसकर उसकी और उसके एक और दोस्त की मौत हो गई।
ये भी पढ़ेंः DAV स्कूल की छत प्लास्टर गिरने से 2 बच्चे घायल, सामने आई प्रबंधन की लापरवाही
चार दिन पहले उसके शव को सउदी अरब की सरकार ने घरवालों को सौंपा है। जिसके बाद हैदराबाद के करीमनगर में उसका अंतिम संस्कार किया गया। शहजाद के चाचा अमनाउल्ला ने बताया कि उन्हें 4 सितंबर को खबर मिली की उनके भतीजे शहजाद खान का शव रेगिस्तान से मिल गया है।
उन्होंने बताया कि शहजाद सात साल से सऊदी अरब की एक टेली-कम्युनिकेशन कंपनी में सर्वेयर की जॉब करता था। अगस्त के आखिरी सप्ताह में कंपनी ने उसे सर्वे के लिए दम्मान से आगे अलफूपुफ के रेगिस्तान में भेजा था। वह गाड़ी में एक साथी के साथ निकला था। तभी वह रास्ता भटक गया। औऱ् इसी दौरान जीपीएस फेल हो गया और वे दोनों किसी से संपर्क नहीं कर पाए।
जब वे रात को नहीं लौटे तो कंपनी के लोगों ने उन्हें खोजने की कोशिश की। जिसके बाद वहां की गवर्मेंट ने हेलीकॉप्टर के जरिए उन्हें तीन दिन बाद खोज निकाला। इस दौरान शहजाद का पूरा शरीर रेत में दबा हुआ था और उसके शव के कुछ मीटर पीछे उसके एक और साथी का भी शव मिला।
ये भी पढ़ेंः चक्काजाम के दौरान छात्राओं को जेल भेजने की धमकी देने वाली तहसीलदार का हुआ ट्रांसफर
परिजनों ने बताया कि शहजाद तीन दिनों तक रास्ता खोजता रहा, लेकिन इसके कुछ समय बाद उनकी गाड़ी में तेल और फोन की बैटरी भी खत्म हो गई, जिस वजह से वे किसी से मदद नहीं मांग पाए। तीन दिन तक शहजाद और उसका दोस्त लंबे समय तक रेगिस्तान की चिलचिलाती गर्मी में बिना पानी, खाने के फंसे रहे। भूखे-प्यास रहने की वजह से उनकी तबियत बिगड़ गई और दोनों की मौत हो गई।
ये भी पढ़ेंः हाईकोर्ट ने प्रशासन के बुलडोजर पर लगाई रोक, राजमिस्त्री की हत्या करने वाले आरोपी को 15 दिन में दस्तावेज पेश करने दी मोहलत
उन्होंने बताया कि शहजाद 19 अगस्त को ड्यूटी गया था और 22 अगस्त को उसका शव वापस आया। इधर अब घरवाले शहजाद की पत्नी और उसके दो छोटे बच्चों के जीवन यापन के लिए साउदी की सरकार से मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं। ताकि उनकी जिंदगी आराम से कट जाए। हालांकि सऊदी अरब की गवर्मेंट ने 10 दिन का समय मांगा है। अब 10 दिन बाद ही पता चलेगा कि कंपनी की ओर से क्या मदद मिल पाएगी।