BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लगभग 5 साल से बिलासपुर की जीवन रेखा मानी जाने वाली अरपा के संरक्षण व संवर्धन को लेकर दायर याचिका की सुनवाई हुई। इस सुनवाई में राज्य शासन से प्रपोजल को स्वीकृति प्रदान कर बजट भी जारी किया गया है। इसमें बताया गया है कि उद्गम स्थल का विकास किया जाएगा। करीब 5 एकड़ का क्षेत्र इसमें शामिल होगा इतना ही नहीं यहां पर 7 करोड़ की लागत से एक कुंड भी तैयार किया जाएगा। इस जवाब से अरपा के संरक्षण व संवर्धन के लिए अच्छी खबर आयी है।
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बता दें, अरपा नदी के संरक्षण और संवर्धन की मांग वाली जनहित याचिका सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी व जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई। इस दौरान गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के जल संसाधन विभाग के ईई संतोष कौशिक ने शपथ पत्र पेश कर पूरी जानकारी हाईकोर्ट को दी है। उन्होंने बताया कि आबंटित राशि में भूमि अधिग्रहण के लिए अवार्ड राशि, कुंड निार्मण, उद्गम स्थल का विकास किया जाएगा। इससे अरपा उद्गम स्थल में बारह महीने पानी रहेगा।
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वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की मारी हाईकोर्ट ने जानकारी
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अरपा नदी में 2 बैराज बनाए व चेक डेम का निर्माण किया गया है। ताकि अरपा नदी में हर मौसम में पानी भरा रहे लेकिन नदी में शहर के नालियों का गंदा पानी भी पहुंच रहा है। जिससे पानी पूरी तरह से दूषित हो रहा है। इस पर नगर निगम से हाईकोर्ट ने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के विषय में पूर्व में दी जानकारी को जानने का प्रयास किया। इसके जवाब के लिए अधिवक्ता ने 10 दिन का समय कोर्ट से मांगा है।
वर्ष 2019 से चल रही सुनवाई
बता दें, अरपा के संरक्षण व संवर्धन के लिए सुनवाई वर्ष 2019 से चल रही है। जो अब 2024 में भी चल ही रही है। हाईकोर्ट ने कई बार शासन को तलब किया और निगम प्रशासन नहीं जिला प्रशासन से भी कई जानकारियां मांगी। अब जाकर कुछ परिणाम सामने आने वाला है। वो भी अभी आधा ही काम हुआ है। पूरा काम होने का इंतजार ही करना होगा।