BILASPUR. दुष्कर्म के एक मामले में जिला सत्र न्यायालय ने आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपी के वकील के सजा कम करने के निवेदन पर कहा कि ऐसी घटनाएं समाज पर बुरा असर छोड़ती है साथ ही उस अव्यस्क के मानसिक दशा पर भी बुरा प्रभाव छोड़ती है।
बता दें, मामला रतनपुर का है जहां पर पीड़ित बच्ची की मां ने 14 जनवरी 2023 को थाना रतनपुर में लिखित रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा था कि वह नारियल दुकान लगाती है। उसके दुकान में आरोपित शिवमंगल सूर्यवंशी उम्र 21 वर्ष पिछले 12 वर्ष से काम कर रहा था इस दौरान वह तीन महीने के लिए ओडिशा चला गया था।
14 जनवरी 2023 को वह उसके दुकान पर सुबह लगभग 9 बजकर 30 बजे दोबारा दुकान में काम करने आया और उसके बाद मंदिर में माला छोड़ने गया था। माला छोड़कर दुकान वापस आया तब उसने युवक को घर से छोटी बेटी को लेकर आने कहा, क्योंकि कई सालों से वह काम कर रहा था इस वजह से महिला ने उस पर भरोसा जताते हुए बेटी को लेने के लिए भेज दिया।
ये भी पढ़ेंः चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर युवक को उतारा मौत के घाट, आरोपी पुलिस के गिरफ्त में
आरोपित ने उसके बड़े बेटे को मैगी लेने दुकान भेज दिया और उसकी ढाई साल की बेटी के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। फिर 11 बजे बेटी और बेटे को लेकर दुकान आया। छोटे बेटे ने और बच्ची ने घटना के बारे में जानकारी दी। तब महिला ने से इसकी शिकायत की।
कम दंड के लिए पैरवी
मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम श्रेणी एफटीएससी (पाक्सो अधिनियम) के कोर्ट में हुई। अभियुक्त की तरफ से बचाव करते हुए अधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि अभियुक्त 14 जनवरी 2023 से लगातार न्यायिक अभिरक्षा में है, अतः अधिक दंड दिए जाने से ना केवल अभियुक्त का ही नीं बल्कि उसके पूरे परिवार का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। अतः अभियुक्त को न्यूनतम दंड दिए जाने का निवेदन किया गया।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरोपित के अधिवक्ता की दलीलों और अनुरोध को खारिज करते हुए दुष्कर्म के आरोपित को 20 साल की सजा सुनाने के साथ ही जुर्माना लगाया है। दुष्कर्म का आरोपित को 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। एफटीएससी ने अपने फैसले में कड़ी टिप्पणी करते हुए लिखा है कि अभियुक्त का कृत्य न केवल समाज पर बुरा प्रभाव डालता है बल्कि उस अवयस्क के मानसिक दशा पर भी बुरा प्रभाव छोड़ता है।