BILASPUR NEWS. संभागायुक्त डॉ.महादेव कावरे बीते दिनों संभाग के कोटा विकासखंड में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। वहां पर निरीक्षण के दौरान अफसरों व कर्मचारियों के कार्य में लापरवाही से काफी निराश हुए थे। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक भी डॉक्टर नहीं थे। सभी ड्यूटी के दौरान नदारद थे। वहीं अब संभागायुक्त ने एक्शन लिया है और बीएमओ सहित 7 मेडिकल अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
बता दें, संभागायुक्त डॉ.महादेव कावरे ने कोटा के बीएमओ डॉ.एन गुप्ता सहित 7 डॉक्टरों को शोकाज नोटिस जारी किया है। दरअसल गत 21 सितंबर को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के निरीक्षण के दौरान ये सभी ड्यूटी से गायब मिले थे। उनसे पत्र प्राप्ति के 5 दिनों में सीएमएचओ के माध्यम से जवाब तलब किया गया है। संभागायुक्त ने बीएमओ डॉ.एन गुप्ता, डॉ.ए.साय, डॉ.पी जोगी, डॉ.आर सैमुअल, डॉ.ए.झा, डॉ.आर.तिवारी और डॉ.एस.पुनिया को शोकाज नोटिस जारी किया है।
नोटिस में मांगा है जवाब
कमिश्नर द्वारा जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि वर्तमान में कोटा विकास खंड के विभिन्न ग्रामों में डायरिया-मलेरिया और डेंगू के सम्पेक्टेड मरीजों की बढ़ती संख्या एवं मौसमी बीमारियों की रोकथाम, उनके बेहतर स्वास्थ्य एवं उपचार के लिए प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
इसी परिप्रेक्ष्य में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटा के निरीक्षण के दौरान आप कार्यालयीन समय में अपने कर्तव्य पर उपस्थित नहीं पाए गए। उपस्थिति पंजी का अवलोकन करने पर पंजी में आपका हस्ताक्षर भी नहीं पाया गया। साथ्ज्ञ ही आपकी अनुपस्थिति के संबंध में केन्द्र से कोई यथोचित सूचना भी प्राप्त नहीं हुई।
आपकी अनुपस्थिति से मरीजों के सुचारू एवं बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध नहीं होने से उन्हें स्वास्थ्यगत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जो आपके पदीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाही का सूचक है। छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत होने से छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 के तहत दण्डनीय है। अतः आप कारण बताए कि उपरोक्त कृत्य के लिए क्यों न आपके विरूद्ध छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ किया जाए।