BHILAI. स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको में शिक्षा विभाग की ओर से उल्लास साक्षरता अभियान चलाया जा रहा है। इसी के अंतर्गत निरक्षरों को जागरूक करने कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में बीएड प्रशिक्षार्थियों ने रंगोली, स्लोगन व छत्तीसगढ़ी गीतों के माध्यम से जन-जन को साक्षर करने जागरूक किया गया।
बता दें, स्वरूपानंद महाविद्यालय में विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न प्रकार के सहायक शिक्षण सामग्री जैसे स्वर-व्यंजन, मात्राओं का ज्ञान, खेल-खेल में संख्याओं को जोड़ना-घटाना का ज्ञान स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का ज्ञान मूल्य शिक्षा अंग्रेजी के अक्षर ए से जेड तक के अक्षरों का ज्ञान चार्ट एवं मॉडल द्वारा निरक्षरों को रोचक ढंग से समझाया गया।
हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा, पर्यावरण गणित, कंप्यूटर विषयों के चार्ट एवं मॉडल के सहयोग से निरीक्षरो को इन विषयों का ज्ञान कराया गया स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर निरीक्षरो को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुपेला लाया गया जहाँ उन्होंने अपने अक्षर ज्ञान से स्वलिखित शपथ को पढ़कर एकता और अखंडता के सूत्र में बंधने की प्रतिज्ञा ली।
कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए नोडल अधिकारी डॉ. दुर्गावती मिश्रा सह-प्राध्यापक शिक्षा विभाग ने कहा कि सरकार द्वारा चलाये जा रहे साक्षरता अभियान को एक-एक निरक्षरों तक पहुँचाना एवं उन्हें साक्षर बनाकर जीवन की मुख्य धारा से जोड़ना ही इस कार्यक्रम का उद्देश्य है।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने शिक्षा विभाग को साक्षरता अभियान करवाये जाने पर शुभकामनायें दी और कहा कि युवा शक्ति ही इस अभियान को पूर्ण करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। कार्यक्रम करवाये जाने पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा 15 से 55 वर्ष आयुवर्ग के युवा वयस्कों को कार्यात्मक साक्षरता प्रदान कर देश से निरक्षरता का उन्मूलन करना होगा।
संपूर्ण साक्षरता अभियान के माध्यम से निरक्षरता को मिटाना है, इन्हें साक्षर बनाना ही नहीं है, बल्कि एक बेहतर जीवन व्यतीत करने की कौशल भी सिखाना है। उपप्राचार्य डॉ. अजरा हुसैन ने कहा सतत शिक्षा के लिए अवसर प्रदान करके ज्ञानवान समाज को बढ़ावा देना होगा। शिक्षण सहायक सामग्री लैब के निर्माण में बीएड तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों भूदीप, असिफा, दीक्षा, हलेन, हिमांशु, विभा, लिपाक्षी, शिवा, प्रियंका, झरना, भूमिका, हर्षा, चारू कुशाल, ऐश्वर्य, प्रगति कौर, कुलेश्वर, आशीष, आनंद, गनिता, तुलेश्वरी, डॉली पिस्दा आदि ने अपना योगदान दिया। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के समस्त प्राध्यापकों का विशेष योगदान रहा है।