RAIPUR. पिछले दिनों छत्तीसगढ़ वन मुख्यालय ने तोता या अन्य पक्षियों को पालने वाले लोगों के लिए आदेश जारी किया। इस आदेश में कहा गया था कि तोता या अन्य पक्षियों की खरीदी-बिक्री के साथ पालन करना प्रतिबंधित है। पक्षियों को कैद करके नहीं रखा जा सकता है। उन्हें 7 दिनों के भीतर कानन पेंडारी जू या अन्य किसी भी जू में जमा करना था लेकिन अब केन्द्र ने इस कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
बता दें, छत्तीसगढ़ वन मुख्यालय के इस आदेश के बाद से प्रदेश में पक्षी प्रेमियों में खलबली मच गई थी। लोग परेशान थे और बेमन से कार्रवाई के डर में पक्षियों को वन विभाग को सौंपने भी लगे थे। कुछ विभाग ने इस आदेश को लेकर विरोध भी जताया। इसी वजह से विभाग ने फिलहाल तोते पालकों के लिए प्रतिबंध का आदेश स्थगित कर दिया है। इस संबंध में मुख्यालय से आदेश भी जारी हो गया है।
स्थगित हुआ आदेश
तोता व अन्य पक्षियों की खरीदी-बिक्री व पालने पर कार्रवाई शुरू होने के बाद पक्षी प्रेमियों ने निराशा थी लेकिन अभी आदेश स्थगित कर दिया गया है।
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इसमें कहा गया है कि प्रतिबंधित संरक्षण पाए गए वन पक्षियों की धड़ल्ले से हो रही बिक्री के संबंध में वन्यजीव संरक्षण अधियिनयम 1972 यथा संशोधित 2022 के तहत वर्तमान में हो रही खरीदी बिक्री पर प्रतिबंध हेतु आवश्यक कार्यवाही किया जाना है
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परंतु तोतों एवं अन्य पक्षी जो घरों में पाले गए है उनके संबंध में इस कार्यालय द्वारा 23 अगस्त के तहत निर्देशों पर भारत सरकार, र्प्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली एवं वन्य प्राणी प्रभाग से आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन के लिए जाने तक कार्यवाही स्थगित रखा जाएगा।