RAIPUR. देश भर में बुलाए गए भारत बंद का असर आज छत्तीसगढ़ में भी बहुत कम देखने को मिला। कुछ अंदरुनी जिलों में ही पहली पारी में इसका असर देखा गया जबकि ज्यादातर जिलों में इसका कोई असर नहीं दिखा। सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से खुले रहे।
भारत बंद को लेकर प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने आज कहा कि केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि एससी एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू नहीं होगा । फिर भी कुछ लोग, लोगों को उद्वेलित करने की कोशिश कर रहे हैं । जो लोग व्यवस्थाओं को अस्थिर करना चाहते हैं वह बंद कर रहे हैं । बड़े राजनीतिक दलों ने समर्थन नहीं किया है। व्यापारिक संगठनों ने भी समर्थन नहीं किया है । यह विषय भी नहीं आवश्यकता भी नहीं है । विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बंद का कोई असर नहीं है । इस मामले में विजय शर्मा ने सोशल मीडिया में भी ट्वीट किया है।
बिलासपुर में भी भारत बंद के आह्वान का असर नहीं दिखा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण वर्गीकरण के आदेश के विरोध में बंद बुलाया गया था। व्यापारिक संगठन उद्योग संघ सर्राफा संघ ने समर्थन नहीं दिया । चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भी समर्थन नहीं दिया। सुबह से ही शहर की प्रमुख बाजारों में दुकान पूरी तरह से खुली दिखी।
बिलासपुर से लगे पेंड्रा जिले में भी भारत बैंड का असर नहीं दिखा जिले में सभी दुकानें खुली रही आदिवासी समाज ने रैली निकालकर विरोध किया। मल्टीपरपज ग्राउंड में एससी एसटी समुदाय के लोग जमा हुए और उन्होंने कलेक्टर को इस आशय का ज्ञापन सौंपा।
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डोंगरगढ़ में आरक्षण के मुद्दे को लेकर भारत बंद का मामूली असर देखा गया । यहां एसटीएससी समाज के लोग सड़क पर उतरे थे । रैली निकालकर शहर बंद करवाने के लिए लोगों को यहां काफी मशक्कत करनी पड़ी । शहर के अलावा आसपास गांव के लोग भी रैली में पहुंचे हुए थे । शहर के दुकानदारों ने कुछ समय के लिए यहां दुकान बंद की थी। इस तरह से डोंगरगढ़ में भारत बंद का मिला जुला असर दिखा। होटल सैलून समेत कई दुकानें खुली रही। वहीं चौक चौराहों में पुलिस जवानों को भी तैनात किया गया था।
वही अंबिकापुर जिले में भारत बैंड के आह्वान का असर देखने को मिला। एससी एसटी क्रीमी लेयर आरक्षण को लेकर बुलाए गए बंद को आदिवासी समाज ने समर्थन दिया और सभी वर्गों से भी बंद के लिए समर्थन मांगा था। आदिवासी समाज ने यहां पर खुली दुकानों को प्रदर्शन के दौरान बंद कराया।
इधर मोहला मानपुर जिले में भी भारत बंद का असर देखने को मिला । बंद के दौरान चौक चौराहा में सन्नाटा पसरा रहा। वहीं यात्री बसों के पहिए भी थमे रहे। आदिवासी समाज ने सभी वर्गों से बंद के लिए समर्थन मांगा था जिसका असर यहां देखने को मिला।
इधर सुकमा जिले में भी सर्व आदिवासी समाज ने एकदिवसीय जिला बंद का आह्वान किया था। जिले में सुबह से ही व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। बंद के दौरान बसों के पहिए थमे रहे । हालांकि आपातकालीन सेवाएं चालू रहीं ।कोंटा एराबोर दोरनापाल सुकमा छिंदगढ़ और तोंगपाल में बंद का असर दिखाई दिया।