BILASPUR. पत्नी व 3 बच्चों की निर्ममता से हत्या करने वाले आरोपी को सजा सुनाई। कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। दशम अपर सत्र जिला न्यायाधीश अविनाश के त्रिपाठी के कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि जब आरोपी मर न जाए तब तक फांसी पर लटकाए रहना। कोर्ट ने इस मामले में मात्र 5 माह में ही दंड दे दिया है।
ये भी पढ़ेंः DMF में 25 से 40 फीसदी कमीशन का खेल! ED ने जब्त किए 76 लाख रुपए, 35 लाख खातों में सीज
बता दें, मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम हिर्री में 1 जनवरी 2024 को आरोपी ने वारदात को अंजाम दिया था। अरोपी उमेंद केंवट उम्र 34 वर्ष अपनी पत्नी सुक्रिता केंवट के चरित्र पर संदेह करता था। 1 जनवरी को परिवार के सभी सदस्य नए वर्ष पर रात में केक काट कर खुशी मनाने के बाद सभी अपने कमरे में चले गए।
रात 11 से 3 बजे के बीच आरोपी उमेंद केंवट उसकी पत्नी सुक्रिता बड़ी की ओर गई थी तभी आरोपी पीछे से उसके गले में रस्सी डाल पीठ में लात रखकर रस्सी से कस कर उसकी हत्या कर दी। पत्नी के हत्या के बाद आरोपी कमरे में आया और गहरी नींद में सोयी बेटी खुशी उम्र 5 वर्ष लिसा उम्र 3 वर्ष और 18 माह के पुत्र पवन की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी।
चारों की हत्या करने के बाद आरोपी ने घर के मयार में रखी रस्सी बांध कर फांसी लगाने की कोशिश की। रस्सी टूटने से वह नीचे गिर गया। रात 3 बजे वह मस्तूरी थाना पहुंचकर स्वयं पुलिस कर्मियों को पत्नी व 3 बच्चों की हत्या करने की जानकारी दी। रात 3.30 बजे पुलिसकर्मी उसे लेकर मौके पर पहुंचे।
मौके पर पुलिसकर्मियों ने आरोपी के पिता, मां एवं परिवार के अन्य लोगों को उठाया। मृतका के भाई सुमंत को फोन से इसकी सूचना दी। सुमंत ने मामले की रिपोर्ट लिखाई। सुक्रिता की लाश बाड़ी में बाथरूम के बास औंधेमुह गिरे हालत में मिली व तीन बच्चों के शव पलंग में चित पड़े हुए हालत में मिली।
पुलिस ने विवेचना उपरांत न्यायालय में चार बार 302 का चालान पेश किया। मामले की दशम अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनवाई की। सभी गवाहों व बयानों के आधार पर आरोपी को दोषी पाते हुए उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई गई। साथ ही 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया। कोर्ट ने कहा की आरोपी को तब तक फांसी पर लटकाया जाए जब तक उसके प्राण नहीं निकल जाए। कोर्ट ने सजा की पुष्टि के लिए मामले को हाईकोर्ट भेजने का निर्देश भी दिया है।