BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में याचिकाकर्ता ने बताया कि पांच तालाबों के गहरीकरण और सुंदरीकरण के नाम पर ठेकेदार ने बेतहाशा मिट्टी और मुरूम की खोदाई कर डाली है। परिवहन करने के बजाए बाजार में बेचना शुरू कर दिया गया है। कोर्ट में जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल के बेंच में हुई। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान दुर्ग के कलेक्टर व खनिज उप संचालक से पूछा है कि परिवहन ठेके में खनन करने की अनुमति किसने दी है। दोनों अधिकारियों को दो सप्ताह का समय दिया गया है।
बता दें, मामला दुर्ग जिले में ब्लाक पाटन के ग्राम बठैना का है। वहां के स्थानीय निवासी कृष्ण कुमार वर्मा ने अधिवक्ता बीपी सिंह के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पांच तालाबों के गहरीकरण के नाम पर मुरूम व मिट्टी की खोदाई की गई। परिवहन का ठेका अभिषेक सिंह को दिया गया है। गहरीकरण के दौरान पांचों तालाब से आठ हजार क्यूबिक मीटर मिट्टी व मुरूम निकाली गई थी। ठेकेदार को इसका परिवहन करना था। इसके लिए जगह भी बताई गई थी।
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याचिका में बताया गया कि ठेकेदार ने परिवहन करने के बजाए मिट्टी व मुरूम को ऊंची दाम पर बेचने लगा। परिवहन ठेका के लिए जो शर्ता तय की थी उसका सीधा-सीधा उल्लंघन करना शुरू कर दिया है। याचिकाकर्ता ने इस बात की भी शिकायत की है कि ठेकेदार ने तालाबों की बेतहाशा खोदाई भी कर दी है। उसने जब एक इंजीनियर के माध्यम से तालाबों का नापजोख करवाया तब पता चला कि तालाबों से एक लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी व मुरूम निकाल ली गई है।
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ग्राम पंचायत में ना तो एनओसी है और ना ही कोई रसीद जमा कराई गई है। याचिकाकर्ता ने आरोपी लगाया है कि मिट्टी व मुरूम से लाखों रुपये कमाने के फेर में तालाबों को जरूरत से ज्यादा खोद दिया गया है। देखने से ही यह भयावह लग रहा है। ना तो यह ग्रामीणों और ना ही मवेशियों के निस्तारी लायक रह गया है। गहरे गड्ढे होने के कारण निस्तारी लायक नहीं रह गया है।
अधिकारियों ने नहीं की कार्रवाई
इस मामले में याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि इस बात की शिकायत जनपद पंचायत से लेकर कलेक्टर तक की गई है। यह भी बताया गया है कि तालाबों में पानी भरने की स्थिति में यह और भी जानलेवा हो जाएगा। मवेशियों के डुबने के अलावा ग्रामीणों के लिए यह भी खरता रहेगा। मामले की गंभीरता को बताने के बाद भी आला अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।