BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बारिश के दौरान बस्तर जिले के आदिवासियों को होने वाली दिक्कतों को जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के बेंच में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मीडिया के माध्यम से बस्तर पर रिपोर्ट देखी थी। उसी आधार पर उन्होंने कहा कि जब बीजापुर के 30 गांव टापू बन जाते हैं तो वहां रहने वाले अपना जीवन कैसे गुजार रहे होंगे। उन्होंने इस पर राजस्व सचिव व कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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बता दें, कुछ दिनों पूर्व मीडिया रिपोर्ट में बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में बरसात के दिनों में होने वाली समस्याओं पर सामने आया। उस रिपोर्ट के आधार पर ही इस समस्या को जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की गई है। बीजापुर जिले में भारी बारिश के कारण सभी नदियां और पुल उफान पर हैं। इस वजह से 3 से अधिक गांव टापू में बदल गए हैं।
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वहीं कई हिस्सों से संपर्क भी टूट गया है। ये हाल इस वर्ष नहीं बल्कि सालों से है। ऐसे में कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। जनहित याचिका में मुख्य सचिव, सचिव लोक निर्माण विभाग, सचिव सार्वजनिक वितरण प्रणाली, सचिव राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग, बीजापुर कलेक्टर को पक्षकार बनाया है और सभी को नोटिस जारी कर इस पर जवाब मांगा है।
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बढ़ा-चढ़ा कर बनाया है रिपोर्ट
शासन का पक्ष रखते हुए एडवोकेट जनरल प्रफुल्ल एन भारत ने कहा कि गांव की हालत जैसी है उससे ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर रिपोर्ट दिखाया गया है। बरसात में बीजापुर जिले के जो दूरस्थ इलाके हैं वहां इस तरह की समस्या आती है। ऐसे हालत से निपटने के लिए पीडीएस दुकानों में चार माह का राशन एक साथ उपलब्ध कराया जाता है ताकि राशन वितरण में कोई समस्या न हो।