BHILAI. इंजीनियरिंग के क्षेत्र में रूंगटा आर-1 कॉलेज जाना माना नाम है। यहां पर पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को न केवल पढ़ाया जाता है बल्कि भविष्य को बेहतर बनाने कई अवसर भी प्रदान किए जाते हैं। यहीं कारण है कि प्रदेश की 26 इंजीनियरिंग कॉलेज में एक मात्र रूंगटा आर-1 ही कॉलेज है। जिसकी सभी सीटें फुल हो चुकी है जबकि बीआईटी में 10 तो शंकरा कॉलेज अभी भी 588 सीटें खाली है। बाकि कॉलेजों की तो सीटे भर ही नहीं पा रही है।
बता दें, प्रदेश में इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए चल रही काउंसलिंग के तहत गुरुवार को द्वितीय चरण की सीटों का आवंटन जारी कर दिया। इस काउंसलिंग में प्रदेश के तीनों सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों और तकनीकी विश्वविद्यालय सीएसवीटीयू की सभी सीटें फुल हो गई है।
इसके अलावा निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों की सूची में सिर्फ भिलाई के रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज (संतोष रूंगटा ग्रुप ऑफ कॉलेज) की शतप्रतिशत सीटें अलॉट हुई हैं। द्वितीय चरण काउंसलिंग में रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज की 164 सीटें शामिल हुई थी, जिनमें सबसे पहले आवंटन हुआ। इस तरह अब रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज में एक भी सीट रिक्त नहीं है। कॉलेज की सभी 1458 सीटें अलॉट हो गई हैं।
रिकॉर्ड एडमिशन देने वाले निजी कॉलेजों में बीआईटी दुर्ग इस साल दूसरे स्थान पर आ गया है। यहां की 168 सीटें द्वितीय चरण की काउंसलिंग में शामिल की गई थीं, जिसमें अभी 10 सीटें रिक्त हैं। इसके अलावा शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी रायपुर की कुल 590 में से 94 सीटें खाली रह गई हैं। रिक्त सीटों का सबसे बड़ा अंतर इस साल भिलाई स्थित शंकराचार्य टेक्निकल कैंपस में आया है। इनकी कुल 1221 सीटों में से प्रथम चरण में 505 सीटों पर अलॉटमेंट हुए, जबकि द्वितीय चरण में 128 सीटें अलॉट हुईं। इस तरह शंकराचार्य टेक्निकल कैंपस की सर्वाधिक 588 सीटें खाली रह गईं हैं।
एक दशक का सूखा खत्म
प्रदेश में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों का दौर वापस लौट आया है। ऐसा इसलिए क्योंकि कंप्यूटर साइंस, आईटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ साथ मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, टेलीकम्युनिकेशन और माइनिंग जैसी ब्रांच में भी शानदार एडमिशन हुए हैं। प्रदेश की इंजीनियरिंग शिक्षा के लिए प्रदेश के छात्रों ने भिलाई के कॉलेजों को प्रथम पायदान पर रखा है। इसके बाद रायपुर रहा। इस तरह पिछले एक दशक से वीरानी झेल रही इंजीनियरिंग शिक्षा में एक बार फिर रौनक लौट आई है।
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तीन सितंबर तक लेना होगा प्रवेश
जिन विद्यार्थियों को काउंसलिंग के द्वितीय चरण में सीट अलॉट हो गई हैं, अब उन्हें 30 अगस्त से 3 सितंबर के बीच कॉलेज पहुंचकर एडमिशन लेना होगा। इसके बाद तकनीकी शिक्षा संचालनालय संस्था स्तर पर प्रवेश 9 सितंबर से शुरू कराएगा। पंजीयन के लिए 9 और 10 सितंबर यानी सिर्फ दो दिन मिलेंगे। जो विद्यार्थी संस्था स्तर की काउंसलिंग में शामिल होंगे, उनकी मेरिट सूची का प्रकाशन 12 सितंबर को होगा। इसके बाद इन विद्यार्थियों को प्रवेश के लिए सिर्फ एक दिन मिलेगा। 13 सितंबर को कॉलेज पहुंचकर एडमिशन पक्का करना होगा। वहीं अन्य विषयों के लिए यह तारीख 15 सितंबर तय की गई है। प्रदेश में 15 सितंबर के बाद तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रवेश पूरी तरह से थम जाएंगे। ऐसे में जो छात्र एडमिशन लेने से चूक जाएंगे उनको अब सीधे अगले साल ही मौका मिल पाएगा।
सुविधाओं और गुणवत्ता शिक्षा है वजह
सोनल रूंगटा, डायरेक्टर, रूंगटा आर-१ इंजीनियरिंग कॉलेज का कहना है कि इंजीनियरिंग की काउंसलिंग में रूंगटा आर-१ इंजीनियरिंग कॉलेज की सभी सीटें फुल हो गई हैं। इसके साथ ही भिलाई के कॉलेजों ने ही इस साल प्रवेश में शानदार प्रदर्शन किया है। विद्यार्थियों को कॉलेज में मिलने वाली सुविधाओं और गुणवत्ता शिक्षा की वजह से यह मुमकिम हो पाया है।