BILASPUR.. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बिलासा एयर पोर्ट में सुविधाओं के मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका की सुनवाई काफी समय से चल रही है। इस याचिका में नाइट लैंडिंग की सुविधा की भी मांग की गई थी। इसके लिए डीवीओआर उपकरण लगाए जाने की बात की जा रही ही थी लेकिन राज्य शासन के अधिकारी सैटेलाइट तकनीक का इस्तेमाल करना चाह रहे थे। इस वजह से नाइट लैंडिंग के लिए डीवीआरओ तकनीक नहीं लगाया जा रहा था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सैटेलाइट व डीवीआरओ तकनीक की जानकारी कोर्ट को दी थी। अब कोर्ट के कड़े रूख के बाद राज्य शासन ने सहमति दी है।
बता दें, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बिलासा एयरपोर्ट में सुविधाओं की मांग को लेकर याचिकाकर्ता संदीप दुबे व कमल दुबे ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से याचिका दायर की है। दोनों ही याचिका की सुनवाई एक साथ चल रही है। याचिका की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी व जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई। कोर्ट ने केन्द्र व राज्य शासन के जवाब के बाद हाईकोर्ट ने नाइट लैंडिंग के लिए तेजी के साथ काम करने का निर्देश दिया है। सेना से जमीन वापसी के संबंध में भी जानकारी मांगी।
अधिवक्ता ने दी थी पूरी जानकारी
नाइट लैंडिंग की सुविधा व तकनीक के विषय में अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्वत ने कोर्ट को विस्तास से जानकारी दी थी। दोनों ही तकनीक में अंतर भी बताया और जरूरत के मुताबिक फिलहाल डीवीआरओ लगाना उचित बताया। इस पर कोर्ट ने राज्य शासन से जवाब मांगा था। अब राज्य शासन ने भी सहमति दे दी है। जल्द ही नाइट लैंडिंग की सुविधा बिलासा एयरपोर्ट में होगी।
अधिकारियों के चलते 10 माह विलंब
हाईकोर्ट में जनहित याचिका में अधिवक्ता ने पहले ही नाइट लैंडिंग में डीवीआरओ और सेटेलाइट तकनीक के विषय में विस्तार से बताया था। लेकिन राज्य शासन व केन्द्र शासन के अधिकारियों में आपसी सहमति नहीं बनने के कारण काफी बहस भी हुआ और काम में देरी भी हो गई। इस काम को 10 माह पूर्व ही हो जाना था लेकिन काफी प्रयास के बाद अब इस पर सहमति बन पायी है।