BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में छत्तीसगढ़ी भाषा में पढ़ाई को लेकर जनहित याचिका की सुनवाई हुई। सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के बेंच में हुई। कोर्ट ने पूछा कि छत्तीसगढ़ी भाषा है या फिर बोली है। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि राज्य शासन को कक्षा 1 से 8 तक स्थानीय भाषा में पढ़ाने की व्यवस्था की है। अब बच्चे छत्तीसगढ़ी भाषा में पढ़ाई कर सकेंगे।
बता दें, छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना की प्रदेश अध्यक्ष लता राठौर याचिकाकर्ता ने प्रदेश के स्कूलों में पहली से 8वीं तक के पाठ्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा को भी माध्यम बनाए जाने की मांग की थी। याचिका में यह भी कहा गया कि जिस तरह अन्य राज्यों में वहां की मातृभाषा में अध्यापन कराया जाता है।
छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी भाषा में क्यों नहीं पढ़ाया जाता। एनसीईआरटी ने भी तीन भाषा हिन्दी, अंग्रेजी और मातृभाषा की पढ़ाई को मंजूरी दी है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस को शासन की ओर से बताया गया कि राज्य शासन ने 16 प्रकार की स्थानीय भाषाओं में अध्ययन की व्यवस्था की है।
इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि देश में अलग-अलग इलाकों में कई प्रकार की बोलियां है। इससे तो बहुत परेशानी खड़ी होगी। अब शासन ने पहल कर दी है यह याचिका निराकृत की जाती है।
शासन ने की है व्यवस्था
सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य शासन ने स्थानीय भाषा में कक्षा 1 से 8वीं तक की पढ़ाई की व्यवस्था कर दी है। अब बच्चे अपने स्थानीय भाषा भी पढ़ सकेंगे।