DESH VIDESH. लोकसभा चुनाव के बाद नए मंत्री मंडल ने एक बार फिर से अपने विभाग से जुड़े कार्यों को करना शुरू कर दिया है। वहीं विदेश मंत्री के तौर पर एनडीए सरकार ने एस जयशंकर कर को पुनः कार्यभार सौंपा है। नए कार्यकाल के बाद जयशंकर श्रीलंका पहुंचे। जहां पर उन्होंने श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की। इस यात्रा में मुख्य रूप से संयुक्त रूप से भारत के 6 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान से बने समुद्री बचाव समन्वय केन्द्र का उद्घाटन किया। साथ ही कई विषयों पर सकरात्मक चर्चा की।
बता दें, भारत लगातार अपने पड़ोसी राज्यों से दोस्ती को और मजबूत करने में लगा हुआ है। उन्हीं पड़ोसियों में से एक श्रीलंका भी है। श्रीलंका में भारत ने सुयंक्त रूप से समुद्री बचाव केन्द्र का उद्घाटन किया।
श्रीलंका के राष्ट्रपति से द्विपक्षीय सहयोग, विशेष रूप से बिजली, ऊर्जा, कनेक्टिविटी, बंदरगाह, बुनियादी ढांचे, विमानन, डिजिटल, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में आगे बढ़ने पर चर्चा की।
विदेश मंत्री ने साझा किया अनुभव
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने श्रीलंका की यात्रा के विषय में अपने अनुभव को एक्स अकाउंट पर साझा किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमासिंघे से मुलाकात कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। इतना ही नहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी। साथ ही विभिन्न द्विपक्षीय परियोजनाओं और पहलों पर हुई प्रगति व विकास की सराहना की।
आपसी सहयोग से आगे बढ़ने पर चर्चा
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे से मुलाकात कर आपसी सहयोग से आगे बढ़ने के लिए कई विषयों पर चर्चा की। इसमें सबसे अहम बिजली, ऊर्जा, कनेक्टिीविटी, बंदरगाह बुनियादी ढांचे, विमानन, डिजिटल, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, पर्यटन जैसे विषयों पर एक दूसरे का सहयोग कर आगे बढ़ने पर चर्चा की।