NEW DELHI. नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं। उन्होंने 9 जून को अपने मंत्रिमंडल के साथ शपथ ग्रहण कर लिया है। इस बीच, यूपी में लोकसभा के नतीजे आने के बाद सियासी हलचल मची हुई है। यहां सबसे ज्यादा इंडिया गठबंधन को फायदा हुआ है, जबकि बीजेपी को काफी नुकसान हुआ है। वहीं, इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी तो शून्य पर आ गई है। दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में 10 सीटों पर चुनाव जीतने वाली बसपा 2024 में एक भी सीट नहीं जीत पाई है। इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी में पूरी व्यवस्था बदलने जा रही हैं।
जानकारी के अनुसार 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए मायावती ने संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव शुरू कर दिए हैं। पूरे प्रदेश का चार सेक्टरों में बांट दिया है। पश्चिमी यूपी के चार मंडल मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद और बरेली को सेक्टर एक में रखा गया है। इसके लिए मुनकाद अली समेत चार नेताओं को नियुक्त किया गया है, जो इस सेक्टर में बसपा के संगठन को मजबूत करने का काम करेंगे।
मुनकाद अली सेक्टर एक के मुख्य सेक्टर इंचार्ज होंगे। उनके अलावा चार अन्य नेता मंडलवार पार्टी की कार्यप्रणाली को देखेंगे। इसमें मुरादनगर मंडल को गिरीश चंद्र जाटव, बुलंदशहर में राजकुमार गौतम और मेरठ में दारा सिंह प्रजापति संगठन का काम देखेंगे।
वहीं, बसपा के संगठन में भी बदलाव किए गए हैं। पश्चिमी यूपी में प्रभारी पद की व्यवस्था को ख़त्म कर दिया गया है। इसकी ज़िम्मेदारी संभालने वाले नेता शम्सुद्दीन राईन अब लखनऊ आ गए हैं। वो अवध और बुंदेलखंड सेक्टर का काम देखेंगे। वहीं प्रयागराज के ज़िलाध्यक्ष आरबी त्यागी और प्रतापगढ़ के ज़िलाध्यक्ष को हटा दिया गया है, उनकी जगह नए ज़िलाध्यक्ष बनाए गए हैं।
दूसरी ओर लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद मायावती हार के कारणों की समीक्षा के लिए पार्टी के तीन वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर चुकी हैं और उनके फीडबैक के आधार पर जिला अध्यक्षों और कोऑर्डिनेटरो से एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी गई हैं। वहीं मायावती ज़िम्मेदार पदाधिकारियों पर भी ताबड़तोड़ एक्शन ले रही हैं. बसपा ने पूर्व मुख्य मंडल प्रभारी अशोक कुमार गौतम और कौशांबी सीट से बसपा प्रत्याशी शुभ नारायण गौतम को पार्टी से बाहर निकाल दिया है।