BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बलत्कार के मामले में आरोपी ने याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बलत्कार के आरोपी बिल्डर के याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटी को गुण-दोष के आधार पर प्रकरण में निर्णय करने का आदेश दिया है।
बता दें, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता आशुतोष पांडे ने याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता के खिलाफ रायपुर पुलिस ने एट्रोसिटी एवं दुष्कर्म के मामले में अपराध दर्ज किया है।
पीड़िता ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आरोपी अविनाश आशियाना अपार्टमेंट् का मालिक है और वह किरायदार थी। आरोपी ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। उसके बाद बदनाम करने की धमकी देकर मई 2020 से सितंबर 2020 तक कई बार संबंध बनाया। इस दौरान गर्भ ठहरने पर गर्भ गिराने की दवा दी थी।
इसके अलावा आरोपी बिल्डर ने जातिगत गाली देने का भी मामला है। पुलिस ने जांच के बाद आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस कार्रवाई को रद्द करने के लिए याचिकाकर्ता ने याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि पीड़िता ने पहले भी लिखित शिकायत की थी। बाद में 20 हजार रुपये लेकर समझौता भी की थी। लेकिन बाद में उसने फिर से दूसरी शिकायत की है। याचिकाकर्ता का कहना था कि उसे झूठे मामले में फसाया गया है।
पीड़िता की ओर से अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने अपनी दलील में याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी ने युवती को कई बार डरा धमका कर रेप किया। उनकी बातचीत और व्हाट्सएप मैसेज भी कोर्ट में प्रस्तुत किए गए है। कोर्ट ने सुनवाई उपरांत याचिका को खारिज करते हुए विशेष न्यायाधीश को मामले में गुण-दोष के आधार पर निर्णय करने का निर्देश दिया है।