LONDON. कोविड वैक्सीन से जुड़ी एक बड़ी खबर मिली है। दरअसल, ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने दुनिया भर से अपनी कोविड-19 वैक्सीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है। इसमें भारत में बनाई गई कोविशील्ड वैक्सीन भी है। बता दें कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, भारत में अब तक 220 करोड़ से ज्यादा खुराक दी जा चुकी है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही इस फार्मास्यूटिकल कंपनी ने एक कोर्ट में वैक्सीन के खतरनाक साइड इफेक्ट्स की बात स्वीकार की थी। बता दें कि एस्ट्राजेनिका वैक्सीन को भारत में कोविशील्ड के नाम से इस्तेमाल किया गया था। हालांकि, कंपनी ने वैक्सीन को बाजार से हटाने के पीछे की कुछ और वजह बताई है।
वैक्सीन को बाजार से वापसी के लिए आवेदन 5 मार्च को किया गया था जो 7 मई तक प्रभावी हुआ। AstraZeneca ने साल 2020 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बनाई थी।
इसके फॉर्मूले के इस्तेमाल करते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ने भारत में कोवीशील्ड नाम से वैक्सीन बनाती है। AstraZeneca के अनुसार बाजार में जरूरत से ज्यादा मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध है इसलिए कंपनी ने बाजार से सभी टीके वापस लेने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले कंपनी ने इस बात को भी स्वीकार किया था कि वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं। जैसे वैक्सीन की वजह से खून का जम जाना और ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाना।
गौरबतल है कि अप्रैल 2021 में जेमी स्कॉट नाम के शख्स ने यह वैक्सीन लगवाई थी। इसके बाद उनकी हालत खराब हो गई। शरीर में खून के थक्के बनने का सीधा असर उनके दिमाग पर पड़ा। इसके अलावा स्कॉट के ब्रेन में इंटर्नल ब्लीडिंग भी हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों ने उनकी पत्नी से कहा था कि वो स्कॉट को नहीं बचा पाएंगे।
कंपनी ने पहले दावों को नकारा, फिर माना
पिछले साल स्कॉट ने एस्ट्राजेनेका के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। मई 2023 में स्कॉट के आरोपों के जवाब में कंपनी ने दावा किया था कि उनकी वैक्सीन से TTS नहीं हो सकता है। हालांकि, इस साल फरवरी में हाईकोर्ट में जमा किए दस्तावेजों में कंपनी इस दावे से पलट गई। इन दस्तावेजों की जानकारी अब सामने आई है।