BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर में सिम्स की अव्यवस्थाओं के बाद अब जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर लापरवाही बरतने के लिए सख्ती दिखाते हुए हेल्थ एडिशनल चीफ हेल्थ सेक्रेटरी व सीजी-एमएससी से शपथ पत्र में जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रजनी दुबे के डिवीजन बेंच में हुई।
बता दें, सिम्स की तरह ही बिलासपुर के जिला अस्पताल में भी लगातार अव्यवस्थाओं की खबरे सामने आ रही थी। हाईकोर्ट ने उन्हीं अव्यवस्थाओं की खबरों के चलते जनता की हित को ध्यान में रखते हुए मामले को गंभीरता से लेते हुए संज्ञान लिया।
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर कड़ी आपत्ति जताते हुए स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त प्रमुख सचिव के साथ ही छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन सर्विस कंपनी को शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है।
कलेक्टर, सिविल सर्जन को पक्षकार मानते हुए जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।
सुविधा नहीं मिलने से भटक रहे मरीज
जिला अस्पताल जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही संचालित है। ऐसे में यहां पर लैब व अन्य मशीनों के खराब होने से परेशानी का सामना लोगों को करना पड़ रहा है।
खास तौर पर यहां पर लैब में गर्भवती महिलाओं के खून-यूरिन जांच के अलावा गर्भावस्था के दौरान कराई जाने वाले कई जांच नहीं होने से परेशानी हो रही है। उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी होने चाहिए
हाईकोर्ट ने पहले ही मरीजों को हो रही असुविधाओं के लिए सख्ती दिखाई थी।
स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति गंभीर है और शासन से लोगों को बेहतर से बेहतर सुविधा प्रदान कराने का प्रयास कर रहा है।