BILASPUR. सिम्स में लगातार अव्यवस्थाओं के बाद हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की थी। उसी सुनवाई को आगे बढ़ाते हुए एक बार फिर से सिम्स की व्यवस्थाओं पर बात की। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने सिम्स की व्यवस्थाओं को लेकर कई सवाल सिम्स प्रबंधन से किया। इसके साथ ही कहा कि जल्द ही इस पर सुधार करने व सिम्स के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बेहतर कार्य करने के निर्देश दिए है।
बता दें, कुछ माह पूर्व सिम्स में अव्यवस्थाओं को देखते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया। इसी के तहत सिम्स की व्यवस्था को सुधारने के लिए राज्य शासन को निर्देश दिए थे। तब एक ओएसडी नियुक्त कर सिम्स की स्थिति को सुधारने का प्रयास किया गया।
ओएसडी ने अपने रिपोर्ट सिम्स की हालत सुधरने में टाइम लगने की बात कहीं। साथ ही बताया कि यहां के डाॅक्टर सिम्स से ज्यादा प्राइवेट प्रेक्टिस में समय देते है। वहीं मशीनों से लेकर वहां के स्टाफ तक के विषय में कई सारी जानकारी दी।
सिम्स को ठीक करने का प्रयास राज्य शासन कर रही है लेकिन अभी तक ज्यादा कुछ फर्क नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में कोर्ट ने एक बार फिर से सिम्स प्रबंधन को फटकार लगाते हुए स्थित को जल्द सुधारने कहा है।
चीफ जस्टिस ने किए कई सवाल
सिम्स की व्यवस्था सुधारने लगाई गई जनहित याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिविजन बेंच में हुई। चीफ जस्टिस ने प्रबंधन से व्यवस्थाओं से जुड़ी कई बातें पूछी उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित होना चाहिए कि सिम्स को स्थापित करने के उद्देश्यों को पूरा किया जा सके।
यहां मशीन उपकरण दशको पुरानी है। सिम्स के बिल्डिंग की स्थिति, विशेषज्ञ डाॅक्टरों की उपलब्धता, स्टाफ की कमी, साफ-सफाई, जांच के लिए मशीनों की स्थिति, इंफ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा बजट के आबंटन के हिसाब से व्यवस्था सुधारने को कहा गया है।
अव्यवस्था अभी भी जस की तस
सिम्स में हालत अभी भी जस की तस बनी हुई है। चुनाव के बाद भाजपा सरकार से स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सिम्स का निरीक्षण किया था और व्यवस्था में सुधार के लिए कहा था। लेकिन अभी भी हालात में ज्यादा अंतर नहीं दिख रहा है।