BILASPUR. स्मार्ट सिटी के तौर पर शहर को विकसित करने का कार्य तो पहले ही किया जा रहा है। लगातार दूसरी बार स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए चयनित होने के बाद अब एक और सफलता शहर के खाते में आयी है। यह सफलता हैै पीएम ई-बस सेवा योजना में जुड़ने का। इसके साथ ही अब शहरवासियों को जल्द ही ई-बस में सफर करने का अवसर मिलेगा।
बता दें, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश भर में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए बनाई गई पीएम ई-बस सेवा योजना में शहर को शामिल कर लिया गया है। इस योजना के तहत फिलहाल देश भर के कुल पांच शहरों का चयन किया गया है। जिसमें छत्तीसगढ़ के तीन शहर है। इसमें बिलासपुर, कोरबा व दुर्ग-भिलाई को जोड़ा गया है। नगर निगम से मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार को इस संबंध में केन्द्रीय स्वीकृति एवं संचालन कमेटी की बैठक आयोजित की गई थी। इसमें शहरों से प्राप्त प्रोजेक्ट के विश्लेषण के बाद शुक्रवार को देश के कुल पांच शहरों को स्वीकृति प्रदान की गई।
50 ई-बस मिलेगी शहर को
इस योजना में प्रदेश के बिलासपुर, कोरबा व दुर्ग-भिलाई को शामिल किया गया है। इसमें बिलासपुर व दुर्ग-भिलाई को 50-50 बस दिया जाएगा। वहीं कोरबा के लिए 40 बस की सुविधा होगी।
ऐसे हुआ बिलासपुर का चयन
पीएम ई बस सेवा योजना के लिए प्रतियोगिता की तर्ज पर ई-बसों के संचालन के संदर्भ में केन्द्रीय आवासन एवं शहरी मंत्रालय द्वारा प्रोजेक्ट मंगाए गए थे। जिसमें संचालन प्रक्रिया, रुट की दूरी, रख-रखाव, किराया दर और सबसे अहम बस डिपों की मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर रिपोर्ट। प्रतियोगिता के सभी बिंदुओं पर बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार के निर्देशन और मार्गदर्शन में निगम ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर केन्द्रीय अवासन एवं शहरी मंत्रालय को भेजा था। जिसमें 14 मार्च को केन्द्रीय स्वीकृति एवं संचालन कमेटी की बैठक में चयन किया गया।
प्रदूषण से मुक्त नहीं होगी ईंधन की जरूरत
देश के शहरों में सार्वजनिक परिवहन की सुविधा बढ़ाने के लिए प्रदूषण मुक्त और सुविधाओं से युक्त बिजली से चलने वाली बसों के संचालन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा के बाद केन्द्र सरकार ने अगस्त 2023 में इस योजना को मंजूरी दी थी। इन बसों के इस्तेमाल में न तो ईंधन की जरूरत होगी और न ही किसी तरह का प्रदूषण होगा।
57613 करोड़ का है प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट में लगभग 57613 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है। इसमें 20 हजार करोड़ रुपये का योगदान केन्द्र सरकार सीधे देगी। इस प्रोजेक्ट से भारत को प्रदूषण मुक्त बनाने का प्रयास है।
इस प्रोजेक्ट के कई फायदे
ई-बसों के संचालन से एक साथ् कई फायदे होंगे। कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी और ध्वनि एवं वायु प्रदूषण अपेक्षाकृत बहुत कम हो जाएगा। वहीं पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता भी कम होगी। साल 2070 तक देश में शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा यह योजना ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देगी और सबस्टेशन अधोसंरचना के लिए पूर्ण सहायता प्रदान करेगी। शहरों में ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पहल के तहत चार्जिंग सुविधाओं के विकास के लिए भी मदद दी जाएगी।
इससे न केवल अत्याधुनिक ऊर्जा कुशल इलेक्ट्रिक बस बढ़ेगी बल्कि ई-मोबिलीटी क्षेत्र में नवाचार के साथ-साई इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मजबूत आपूर्ति श्रृंखला भी विकसित होगी। साथ ही इस पहल से जहां लोगों को सुलभ ट्रांसपोर्ट मिलेगा तो वहीं पर्यावरण भी साफ-सुथरा रखने में मदद मिलेगी। वहीं इस योजना से करीब 45 से 55 हजार नौकरियों के आने की संभावना बन रही है। इससे शहरी ट्रांसपोर्ट स्मूथ होगा तो हवा भी साफ-सुथरी रहेगी।