KAWARDHA. कवर्धा जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 07 साल की बच्ची का शव मिलने से आसपास में क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
यह पूरा मामला सिंघनपुरी थाना क्षेत्र के टाटावाही का है। गांव में रहने वाले शिव कुमार पाली के बाड़ी में बच्ची मृत अवस्था में पड़ी मिली। घरवालों ने तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दी। जानकारी मिलते ही कबीरधाम SP डॉ. अभिषेक पल्लव के निर्देशन में पुलिस की टीम कार्यवाही के लिए टाटावाही की ओर रवाना हुई।
गांव में रुककर पुलिस टीम ने किया निरीक्षण
घटनास्थल का निरीक्षण करने तथा आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि बाड़ी में पाया गया शव गांव के सुंदर लाल खरे की 07 साल की बच्ची का है।
मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और गांव में ही दो दिनों तक रूककर आरोपी के पतासाजी करने हेतु निर्देश दिए। पुलिस की टीम द्वारा गांव के लोगों से बारीकी से पूछताछ करने पर पता चला कि बच्ची को आखरी बार गांव में ही देखा गया था।
इसके बाद पुलिस ने गांव में रूककर सभी लोगों से अलग–अलग पूछताछ की। पूछताछ में मृतिका के रिश्तेदार एक बालक ने गांव वालो के सामने ही घटना को कारित कर अपना जुर्म स्वीकार किया।
जानें क्यों किया चाचा के बेटे ने ये कांड
पुलिस टीम को बालक ने पूछताछ में बताया कि मृतिका मुझे हर समय चिढ़ाती रहती थी। उसे मना करने पर भी वह उसे बार–बार यही कहकर चिढ़ाते रहती थी। इस बात से मुझे काफी गुस्सा आता था। वह मेरी रिश्तेदार थी इसलिए मैं हमेशा शांत रहता था। 7 मार्च को दोपहर 11-12 बजे मैं अपने घर में अकेला था, उसी समय मृतिका मेरे घर में आई। घर में आते ही वह दोबारा मुझे चिढ़ाने लगी। मैने गुस्से में आकर उसका गला दबा दिया जिससे वह बेहोश हो गई। मरा हुआ सोचकर मैंने उसे उठाकर बाड़ी के पास दीवाल किनारे फेक दिया। इसके बाद वही रखे पत्थर से उसके सर को कुचल दिया।
क्या बताया कबीरधाम SP अभिषेक पल्लव ने
कबीरधाम एसपी अभिषेक पल्लव से मिली जानकारी के अनुसार 14 वर्षीय बालक, मृतिका के चाचा का बेटा है। दोनों साथ में खेला करते थे और बच्ची उसे हमेशा चिढ़ाते रहती थी। बालक ने बताया कि गुस्से में आकर उसने इस घटना को अंजाम दिया है। पुलिस की टीम जब घटनास्थल पर निरीक्षण करने पहुंची तो बाड़ी के पास पैर के निशान पाए गए। इससे यह स्पष्ट हो गया कि किसीने शव को यहां लाकर फेंका है। बलात्कार की जो बात सामने आ रही थी वह बिल्कुल निराधार है क्योंकि पोस्टमार्टम में ऐसे कोई बात सामने नही आई है। बालक द्वारा जुर्म स्वीकार करने और पर्याप्त साक्ष्य सबुत पाये जाने पर पुलिस द्वारा धारा 302, 201 भा.द.वि. पंजीबध्द किया गया। बालक को किशोर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।