BILASPUR. अस्पताल में उपचार के बदले स्टाफ नर्स परिजनों से पैसे मांगती थी। इस बात की पुष्टि वायरल वीडियो से हुई। जिला कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएमएचओ को कार्रवाई करने निर्देश दिए। जिसके बाद नर्स पर कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया है। वहीं जीवन दीप समिति के अंतर्गत काम करने वाले दो अन्य कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई है।
बता दें, मामला बिल्हा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का है। जहां पर संचालित 50 बिस्तर के मातृ-शिशु अस्पताल में उपचार कराने वाली प्रसूता और उनके परिजनों से पैसे की मांग किए जाने की शिकायत मिली।
इस संबंध में शिकायत के साथ एक वीडियो भी प्राप्त हुआ। इसमें एमसीएच में कार्यारत स्टाफ नर्स संध्या तिग्गा ने बच्ची के जन्म होने पर उसके परिजनों से पैसे मांगे जो साफ वीडियो में नजर आयी।
सीएमएचओ डाॅ अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि इस शिकायत व वीडियो को देखने के बाद कार्रवाई की गई। सिविल सेवा आचन नियम 1965 के विपरीत नर्स ने कार्य किया। ऐसे में तत्काल स्टाफ नर्स संध्या तिग्गा को प्रभव से निलंबित कर दिया गया। निलंबन की अवधि में उनका मुख्यालय जिला अस्पताल बिलासपुर किया गया है।
इसके साथ ही खंड चिकित्सा अधिकारी बिल्हा ने जीवनदीप समिति में कार्यरत उदल पटारे और सीता बाई पर भी पैसे लोने पर कार्यवाही करते हुए दोनों को सेवा से पृथक कर दिया है।
ऐसे मामलों पर शिकायत अवश्य करें
सीएमएचओ डाॅ.अनिल श्रीवास्तव ने लोगों से अपील की है कि यदि स्वास्थ्य सेवाओं के दौरान किसी भी शासकीय चिकित्सालय या स्वास्थ्य केन्द्र में इस तरह का वाकया होता है तो तुरंत ही इसकी शिकायत करें।
सरकार ने सभी को सेवा के लिए नियुक्त किया है इसके एवज में उन्हें सैलरी दी जाती है। इसके बाद भी पैसे की डिमांड करना अपराध है।