BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जल संसाधन विभाग में नियम विरूद्ध प्रभार वाद के एक मामले में एकतरफा रिलीव किए गए कार्यपालन अभियंता की याचिका पर उसे पदस्थापना पर कार्य करने की छूट दी है।
साथ ही उसे विभाग के समक्ष अभ्यावेदन देने का आदेश दिया है। जिसका निराकरण 45 दिनों के भीतर करने कहा गया है।
बता दें, जल संसाधन विभाग ने बीते महीने कई अभियंताओं का तबादला आदेश जारी किया था। जिसमें रायपुर डिविजन में पदस्थ कार्यपालन अभियंता जेआर पटेल जो इसी वर्ष दिसंबर में सेवानिवृत्त होने वाले हैं
उनका तबादला मुख्य अभियंता कार्यालय अटल नगर रायपुर में कर दिया गया था और उनकी जगह एसडीओ दीपक देव जो रायपुर में ही पदस्थ है उनको प्रभारी कार्यपालन अभियंता का प्रभार के साथ ही एसडीओ का भी कार्य करने आदेशित किया गया था।
इस आदेश के खिलाफ कार्यपालन अभियंता जेआर पटेल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने विभागीय अधिकारी को याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर 45 दिनों के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया है। साथ ही दूसरे अधिकारी को कार्यभार नहीं सौंपने की स्थिति में याचिकाकर्ता को काम करने की छूट दी है।
हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को दो दिनों के भीतर अपने विभाग के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने और विभाग को इस अभ्यावेदन का 45 दिनों के भीतर निराकरण करने के निर्देश दिए है।
तीन साल पूर्व ही कर दिया तबादला
याचिकाकर्ता अभियंता ने अपनी याचिका में कहा कि कार्यपालन अभियंता के पद पर उनकी पदस्थापना अक्टूबर 2021 में हुई थी। तीन साल का कार्यकाल पूरा किए बिना ही उसका स्थानांतरण कर दिया गया।
इसके अलावा वे इसी वर्ष दिसंबर में सेवानिवृत्त हो रहे है। ऐसे में उनका तबादला किया जाना नियम विरूद्ध है।