NARAYANPUR.छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद बस्तर में पुलिस और नक्सलियों बीच फिर से जंग छिड़ गया है । 3 जनवरी को अबुझमाड़ ओरछा थाना इलाके में पुलिस ने दो नक्सलियों को मार गिराया था। जिनका शव लेने ग्रामीण मुख्यालय पहुंचे और दोनों मारे गए नक्सली को ग्रामीण बताते हुए पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ में ग्रामीणों को मारने का आरोप लगाया।
वहीं, पुलिस मुठभेड़ में मारे गए दो नक्सलियों को निर्दोष ग्रामीण बताते हुए ग्रामीणों ने शहीद दिवस मनाया है। ग्रामीणों ने बताया कि 4 लोग सल्फी पीने जंगल गए हुए थे जिसमें दो लोगों को पुलिस ने मार कर नक्सली बताया व एक गंभीर रूप से घायल है। वहीं इरकभट्टी धरना स्थल में दोनो मृतकों को शहीद का दर्जा देते हुए रैली निकाल कर शहीद दिवस मनाया, दरअसल इरकभट्टी में ग्रामीण एक वर्ष से 3 सूत्रीय माँगो को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। ग्रामीणों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा फोर्स गांव में आकर निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली बता कर डराने धमकाने का काम करती है।
पूरे मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हेमसागर सिदार ने कहा नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुरक्षा बल के जवान सर्चिंग पर निकले हुए थे। उसी दरमियान गोमागाल के जंगल में माओवादियों के द्वारा पुलिस के ऊपर जानलेवा हमला किया गया।
आत्मरक्षा में जवानों के द्वारा जवाबी कार्यवाही की गई। सर्चिंग के दौरान मौके से दो व्यक्तियों का शव मिला, दोनों व्यक्तियों के विरुद्ध ओरछा थाना में मामला पंजीबद्ध थे और दोनों ही कुतुल एरिया कमेटी के सक्रिय नक्सली थे।