BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एमबीबीएस के छात्र ने आयुष विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त करने गुहार लगाई। छात्र ने याचिकादायर में कोर्ट के समक्ष वकील के माध्यम से एमबीबीएस की डिग्री जारी करने अपनी बात रखी। सुनवाई में कोर्ट ने छात्र को न्याय दिलाते हुए आयुष विश्वविद्यालय को डिग्री देने आदेश जारी किया है।
बता दें, रायपुर जिले के शांति नगर निवासी अविनाश देशलहरा ने अधिवक्ता अक्षरा अमित और आशुतोष मिश्रा के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
दायर याचिका में कहा है कि उसने वर्ष 2007-2008 में एमबीबीएस प्रथम वर्ष पाठ्यक्रम में छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस बिलासपुर में प्रवेश लिया था। पारिवारिक कारणों की वजह से वर्ष 2015 में हुई एमबीबीएस फाइनल पार्ट वन की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाया।
इसके बाद उसने एमबीबीएस फाइनल पार्ट वन की परीक्षा में बैठने की मांग करते हुए विभागीय मंत्री और छत्तीसगढ़ इंस्टिट्यूट आफ मेडिकल साइंस बिलासपुर के डीन को पत्र लिखा। पत्र में उसने उन कारणों का हवाला भी दिया। जिसके चलते परीक्षा में शामिल नहीं हो पाया था।
उनकी पारिवारिक स्थिति को देखते हुए रजिस्ट्रार आयुष यूनिवर्सिटी ने उसे एमबीबीएस फाइनल पार्ट वन की परीक्षा में बैठने के लिए अनुमति प्रदान कर दी। गुरूघासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया।
परीक्षा में शामिल हुआ और उत्तीर्ण भी हो गया। आयुष विश्वविद्यालय ने परीक्षा पास करने व इंटर्नशीप पूरी करने के बाद भी उसे एमबीबीएस की डिग्री आजतलक जारी नहीं किया है।
डिग्री जारी करने का आदेश
मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडेय के सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट में आयुष यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता के आवेदन पर विचार करते हुए एमबीबीएस की डिग्री देने का निर्देश दिया है।
इसके लिए चार सप्ताह का समय तय कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका को निराकृत कर दिया है।