BILASPUR. दसवीं-बारहवीं के उत्तर पुस्तिाओं का मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को ध्यान से कापी जांच करनी होगी। यदि कापी जांच करने में चूक होती है और री वेल में अंक बढ़ते है तो शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी। मूल्यांकन के दौरान शिक्षकों से गड़बड़ी अक्सर ही होती है।
जिसके कारण छात्रों को रिजल्ट के बाद भी संतुष्टी नहीं होती और री वेल करने के बाद अंक बढ़ते है। ऐसे में न सिर्फ छात्र-छात्राओं का बल्कि शिक्षा विभाग को भी समस्या होती है। इसलिए शिक्षा विभाग ने तीन कैटेगरी में कार्रवाई करेगी।
बता दें, माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से बोर्ड परीक्षा की कांपियां जांचने में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर अब तीन कैटेगरी में कार्रवाई की जाएगी। शिक्षक अब हमेशा के लिए मूल्यांकन कार्य से बाहर नहीं होंगे।
कार्रवाई होने पर शिक्षक भी मूल्यांकन का कार्य सही से करेंगे। यहीं वजह है कि शिक्षा विभाग के द्वारा मूल्यांकन में किसी तरह की गड़बड़ी न हो प्रयास किया जा रहा है।
तीन कैटेगरी में कार्रवाई होगी
कापियां जांच करने के दौरान लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई तीन कैटेगरी में किया जाएगा। पहली कैटेगरी में जिन शिक्षकों की कापियों में री वैल के बाद 20 से 40 नंबर तक का अंतर आता है उन पर तीन साल का बैन लगेगा। वे इस दौरान माध्यमिक शिक्षा मंडल के सभी कार्य से वंचित रहेंगे।
यह प्रावधान पहले भी था। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसी तरह दूसरी कैटेगरी में जिन शिक्षकों की कापियों में री वैल के बाद 41 से 49 नंबर का अंतर रहेगा वो पांच साल तक बोर्ड की कापियां नहीं जांच पाएंगे। वहीं जिन शिक्षकों को कापियों में 50 नंबर से अधिक का अंतर आएगा उन पर पांच साल का बैन लगेगा।
आजीवन बैन हटाया गया
पहले कापी जांच करने वाले शिक्षकों की लापरवाही सामने आने पर उन्हें आजीवन के लिए बैन किया जाता था। लेकिन अब आजीवन बैन न लगाकर तीन कैटेगरी के तहत कार्रवाई की जाएगी।
नियम बदलने से कम होंगी लापरवाही
माध्यमिक शिक्षा मंडल के द्वारा बदले गए इस नियम से मूल्याकंन में हो रही लापरवाही कम होगी। वहीं कापियां चेक करने वाले शिक्षक जिन्हें बैन किया गया है उन्हें भी मौका दिया जाएगा। इस तरह से मूल्यांकन में किए जाने वाले गलती को कम किया जाएगा।