DONGARGARH. धान खरीदी की अंतिम तारीख 31 जनवरी है और अब तक प्रदेश में रिकॉर्ड धान की खरीदी कर ली गई है। इसी बीच अब अवैध धान रोकने के लिए प्रशासन ने बॉर्डर पर सख्ती बढ़ा दी है। प्रशासन ने पटवारी तथा बड़े अफसर को धान खरीदी केंद्र की मॉनिटरिंग करने का निर्देश भी दिया है।
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी है। समय पर सभी पात्र किसानों से धान खरीदी करना प्रशासन के सामने अब बड़ी चुनौती है। जैसे-जैसे धान खरीदी की अंतिम तिथि निकट आ रही है। कोचिए भी सक्रिय हो गए हैं, प्रशासन लगातार इन पर कार्रवाई कर रहा है। डोंगरगांव राजनांदगांव समेत पूरे जिले में प्रशासन की कार्रवाई जारी है। धान खरीदी केंद्रों में कोचियों के पकड़ में आने के बाद प्रशासन ने नई व्यवस्था लागू की है। जिसके तहत कृषि विस्तार अधिकारी और पटवारी खरीदी केंद्रों की मॉनिटरिंग करेंगे। किसान बिना सत्यापन धान नहीं बेंच पाएंगे।
वहीं अब डोंगरगढ़ से लगे महाराष्ट्र बॉर्डर में भी निगरानी शुरू कर दी गई है। अन्य राज्यों से 2100 रुपए में धान लेकर यहां 3100 रुपए में धान बेचने की शिकायत मिलने के बाद प्रशासन ने बॉर्डर पर सख्ती कर दी है। आपको बता दें कि जिले में औसत उपज 17 क्विंटल प्रति एकड़ है। मिट्टी एवं सिंचाई सुविधा के चलते कई गांव में किसान प्रति एकड़ 15 से 21 क्विंटल तक धान की उपज लेते हैं, पहले प्रति एकड़ 20 क्विंटल के हिसाब से धान खरीदी की जा रही थी। बाद में इसे 21 क्विंटल प्रति एकड़ करने के बाद पहले धान बेच चुके किसान अपने शेष धान को बेचने खरीदी केन्द्रों में पहुंच रहे हैं। इसी बीच केंद्रों में धान कोचिये भी सक्रिय हो गए हैं, पिछले दिनों प्रशासन ने कुछ केंद्रों में फर्जी किसानों एवं कोचियों को पकड़ा था। अब धान कोचियों पर नजर रखने सख्ती बढ़ा दी गई है।