BALOD. बालोद शहर में खोले गए मिलेट्स के लिए उपलब्ध कराए गए भवन आवंटन को नगर पालिका द्वारा निरस्त कर दिया गया है। मिलेट्स में कोदो, कुटकी रागी सहित मोटे अनाज की जगह भारी भोजन परोसे जाने की शिकायत सामने आई थी। जांच में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया, जिसके बाद पालिका ने आवंटन निरस्त कर दिया है। एक सप्ताह में ठेका एजेंसी को भवन खाली करने कहा गया है।
ज्ञात हो कि शासन की योजना के तहत बालोद में संचालित मिलेट्स सेंटर में मिलेट्स अनाज के व्यंजन की जगह भारी भोजन माने जाने वाली चीजें मिल रहीं थी। सुबह पोहा, जलेबी और दोसा के साथ-साथ शाम को चाट और अन्य चाइनीस व्यंजन भी मिल रहे थे, जबकि मिलेट्स कैफे में इन सब चीजो का प्रावधान नहीं है। बालोद में कला केंद्र के सामने नगर पालिका की जगह पर मिलेट्स कैफे संचालित किया जा रहा था। लगभग एक साल पहले इस कैफे की शुरुआत हुई थी। यहां पहले मिलेट्स के ही बने नाश्ते, भोजन मिलते थे। लेकिन पिछले कुछ दिनों से यहां का मिन्यू बदल गया था। यहां भारी भोजन माने जाने वाली चीजे जैसे पनीर से बनी भोजन सामग्री मिल रही थी। मेनू कार्ड में शुरू में 10 आइटम मिलेट्स के लिखे ज़रूर गए थे पर ये यहां नहीं मिल रहे थे।
उद्देश्य से भटक गया था मिलेट्स केंद्र
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पूरे प्रदेश में कई जगहों पर मिलेट्स कैफे की शुरुआत की गई है। इसमें कोदो, कुटकी ज्वार, बाजरा, जौ आदि मिलेट्स पदार्थ से बने भोजन ही देने की व्यवस्था दी गई थी। इसके पीछे का उद्देश्य बताया गया था कि मिलेट्स से बने भोजन न केवल हल्के होते हैं बल्कि बहुत ही फायदे जनक होते हैं। शुगर सहित कई पेशेंट को इन भोजनों से फायदा मिलता है। सुविधा के तौर पर इसे नगर पालिका के भवन पर संचालन की व्यवस्था दी गई थी। इसका संचालन स्व सहायता समूह को दिया गया था। लगभग 1 साल तक यह ठीक ठाक चला, लेकिन पिछले कुछ दिनों से यहां सब कुछ बदल गया था।
समूह ने किसी और को ठेका दे दिया था
जांच में पाया गया कि मिलेट्स कैफे का टेंडर महाकाल स्व सहायता समूह को दिया गया है, लेकिन अब इसका संचालन कोई और कर रहा था। इस तरह समूह को सुदृढ़ करने की योजना भी यहां फेल हो रही थी। इसे मिलेट्स कैफे की जगह रेस्टोरेंट का रूप दे दिया गया था। रेस्टोरेंट में जिस तरह के लजीज व भारी व्यंजन दिए जाते हैं इस तरह से यहां भी लोगों के लिए सुविधा दे दी गई थी।
जानिए मिलिट्स क्या है
मोटे अनाज को मिलेट कहते हैं। यह दो प्रकार का होता है। एक मोटा दाना और दूसरा छोटा दाना। मिलेट में ज्वार, बाजरा, रागी, झंगोरा, बेरी, कंगनी, कुटकी, कोदो, छेना या सांवा और जौ आते हैं। इन अनाजों को इम्युनिटी बूस्टर भी कहा जाता है। कोरोना काल के बाद जब लोगों को इम्युनिटी का ख्याल आया तब इसका काफी चलन हुआ। इसकी उपयोगिता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में भी बनाने का निर्णय लिया है। अर्थात यह वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसे खाने के कई फायदे हैं।
मिलेट्स के भोजन इन रोगों को भगाता है दूर
मिलेट्स में कैल्शियम, आयरन, जिंक, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम फाइबर, विटामिन बी, विटामिन 6, विटामिन 3, केरोटीन, लेसिथिन आदि तत्व होते हैं। मिलेट्स शरीर में स्थित अम्लता यानी एसिड को दूर करता है। जबकि एसिडिटी के कई नुकसान होते हैं। शरीर में मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को ठीक करता है जिससे कैंसर जैसे रोग नहीं होते हैं। यह डायबिटीज को रोकने में सक्षम है। अस्थमा रोग में लाभदायक है। बाजरा खाने से स्वास्थ्य से संबंधित सभी रोग दूर हो जाते हैं। इसके खाने से थायराइड, यूरिक एसिड, किडनी, लीवर, लिपिड रोग अग्नाशय से संबंधित रोग ठीक हो जाते हैं। पाचन तंत्र में सुधार करने में इससे मदद मिलती है। इसके खाने से गैस कब्ज, एसिडिटी जैसे पेट के कई रोग नहीं होते। यह शरीर में त्वचा को जवां बनाए रखने में मदद करता है।