RAIPUR. छत्तीसगढ़ में सहायक प्राध्यापकों की भर्ती पर रोक लग गई है। दरअसल, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय सांकरा (पाटन) में राज्य सरकार ने सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति को रोक दिया गया है। इस भर्ती प्रक्रिया की तीन सदस्यीय समिति जांच करके 7 दिन के भीतर सरकार को रिपोर्ट देगी। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि विश्वविद्यालय में दोषपूर्ण, नियम विरूद्ध भर्ती प्रक्रिया तथा प्रबंध मंडल के गठन में की गई अनियमितता की शिकायत छात्र-छात्राओं ने कृषि मंत्री रामविचार नेताम से की थी। इसके बाद नेताम ने नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित रखने और जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
ऐसे समझें पूरा मामला
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के 35 पदों की भर्ती के लिए तैयार किए गए स्कोर कार्ड में भारी गड़बड़ी की शिकायत मिली है। छात्रों ने अपनी शिकायत में लिखा है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की गाइड लाइन के अनुसार पीएचडी एवं नेट की परीक्षा के लिए अलग- अलग अंक देना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इस वजह से बड़ी संख्या में पीएचडी उम्मीदवार के रहते गैर पीएचडीधारी अभ्यर्थियों का चयन एवं नियुक्ति की गई। सहायक प्राध्यापक की चयन समिति के गठन में भी दोषपूर्ण प्रक्रिया अपनाई गई थी। विश्वविद्यालय की चयन समिति में कुलसचिव द्वारा साक्षात्कार के अंक दिए गए थे। परंतु कुछ अभ्यर्थियों के चयन में कुलसचिव को अंक देने से रोक दिया गया था। सहायक प्राध्यापक की नियुक्तियों को अनुमोदन देने वाले प्रबंध मंडल का गठन भी त्रुटिपूर्ण किया गया था।
गड़बड़ी को लेकर कृषि मंत्री को सौंपा था ज्ञापन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने सहायक प्राध्यापक नियुक्ति में हुई गड़बड़ी को लेकर कृषि मंत्री रामविचार नेताम को ज्ञापन सौंपा था। महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, पाटन में दोषपूर्ण नियम के खिलाफ भर्ती प्रक्रिया और प्रबंध मंडल के गठन में की गई अनियमितता की शिकायत कृषि मंत्री से की थी। इस पर कार्रवाई करते हुए भर्ती प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है।