BHILAI. मेफ्टाल स्पास नाम की एक दवा इन दिनों काफी चर्चा में है। सोशल मिडिया में भी इस दवा को लेकर काफी सारे आर्टिकल आ रहे है। यह एक ऐसी दवा है जिसका इस्तेमाल लगभग हर घर में किया जाता है। खासतौर पर महिलाएं पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए इसका प्रयोग करती हैं। अक्सर दर्द से राहत पाने के लिए मेफ्टाल स्पास का खूब इस्तेमाल होता है. ये ओवर द काउंटर दवाओं में सबसे ज्यादा बिकने वाली दवाओं में से एक है। लेकिन अब इस दवा को लेकर एक चिंताजनक खबर आ रही है। सरकार द्वारा एक चेतावनी जारी कर इस दवा के साइड इफेक्ट्स को लेकर लोगों को वार्निंग दी गई है।
भारत की फार्माकोपिया आयोग (IPC) ने मेफ्टाल को लेकर सुरक्षा चेतावनी जारी की है। जारी किए गए इस वार्निंग नोट में मेफ्टाल में मौजूद मेफेनैमिक एसिड के खतरनाक साइड इफेक्ट्स के बारे में बताया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि मेफ्टाल के सेवन से इओसिनोफिलिया और सिस्टमैटिक सिंप्टम्स सिंड्रोम (DRESS) भी हो सकता है।
भिलाई के स्पर्श हॉस्पिटल की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर मोनीदीपा शाह से मिली जानकारी के अनुसार, इस दवा में मेफेनैमिक एसिड होता है। यह दर्द निवारक दवा गठिया, हड्डियों की बीमारी ऑस्टियोआर्थराइटिस, महिलाओं में पीरियड्स के दर्द, सामान्य दर्द, सूजन और दांत दर्द में राहत के लिए इस्तेमाल की जाती है। पीरियड्स के दौरान आमतौर पर सभी महिलाओं को दर्द होता है लेकिन इस समय हमें पेनकिलर लेने से बचना चाहिए। यदि असहनीय दर्द है तो डॉक्टर के परामर्श के बाद ही कोई दावा का सेवन करें। ये दावा सालों से दर्द के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली दवाओं में से एक है इसलिए बिना किसी डॉक्टर के परामर्श के भी महिलाएं इसे ले रही है। किसी भी दावा का अधिक प्रयोग साइड इफेक्ट देता ही है। हमें दर्द निवारक दवाइयों को लेने से पहले उसके बारे में जानना बहुत जरूरी है। दवाई लेने के बजाय इस दौरान लाइट एक्सरसाइज और सही खान–पान से दर्द से काफी राहत मिल सकता है। अधिक से अधिक फल, प्रोटीन और विटामिन युक्त भोजन करें। इसके अलावा गरम थैली से सिकाई करने पर भी आराम मिल सकता है।
क्या है DRESS सिंड्रोम?
DRESS सिंड्रोम कुछ विशेष दर्द निवारक दवाओं से होने वाला एक गंभीर एलर्जी रिएक्शन है। इस दवा की वजह से त्वचा पर लाल रंग के चकते, बुखार और लिम्फ नोड्स (लसिका ग्रंथि) में सूजन जैसी समस्या आने लगती है। यह एलर्जी यह दवा लेने के दो से आठ हफ्ते के बीच दिखाई दे सकती है। यदि ऐसी कोई लक्षण आपको नजर आते है तो तत्काल डॉक्टर से परामर्श करें।