RAIPUR. छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है। बड़ी जीत के साथ अब मुख्यमंत्री के नामों पर चर्चा शुरू हो गई है। इसके साथ ही 13 मंत्रियों को लेकर भी चर्चा चल रही है। इस बीच, छत्तीसगढ़ में सरकार के गठन के लिए रायपुर से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी है। दिल्ली में आज भाजपा के शीर्ष नेताओं की बैठक होगी। बैठक में चर्चा के बाद सीएम के चेहरे के चयन को लेकर पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे।
इससे पहले भाजपा के में जीते हुए सभी भाजपा विधायक एकजुट हुए। यहां भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, चुनाव सह प्रभारी डा. मनसुख मांडविया, संगठन सह प्रभारी नितिन नबीन, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सांसद अरुण साव और पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने एक-एक विधायकों से चर्चा की। उन्हें अपने क्षेत्र की जनता के प्रति आभार प्रकट करने को कहा। इसके बाद माथुर, मांडविया और नितिन नबीन दिल्ली रवाना हो गए।
इन नामों पर हो रही चर्चा
सियासी गलियारों में चर्चा है कि पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साव, केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह और ओपी चौधरी सीएम की रेस में शामिल हैं। वहीं, भाजपा लोकसभा को ध्यान में रखते हुए पहली बार प्रदेश में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री का फार्मूला ला सकती है। दरअसल, पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह चुनावी रणनीति बनाने की हर बैठकों में मौजूद रहे। वरिष्ठता के आधार पर वे मुख्यमंत्री पद की पसंद हो सकते हैं।
वहीं, अरुण साव के नेतृत्व में चुनाव हुआ है तो वे स्वाभाविक दावेदार होंगे। आईएएस की नौकरी छोड़कर भाजपा में आने वाले ओपी चौधरी ने बड़ी जीत दर्ज की है, इसलिए वे भी रेस में हैं। रेणुका सिंह केंद्रीय मंत्री हैं। जीत भी गई हैं। सरगुजा की सभी 14 सीटें बीजेपी जीत गई हैं। ऐसे में इन्हें बड़ा पद दिया जा सकता है।
विष्णुदेव और सरोज पांडेय भी रेस में शामिल
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय भी सीएम रेस में शामिल हो गए हैं। साय को लेकर चुनाव के दौरान अमित शाह ने बयान दिया था कि अगर ये जीतते हैं तो बड़ा पद दिया जाएगा। आदिवासियों में अच्छी पैठ और सरल-सहज होने की वजह से आलाकमान के पसंदीदा है। संघ से जुड़े होने की वजह से इन्हें पार्टी मौका दे सकती है।
सरोज पांडेय को पार्टी ने हाल में ही उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर छत्तीसगढ़ के पहली पंक्ति के नेताओं में शामिल किया है। सरोज को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के विश्वसनीय नेताअों में गिना जाता है। उन्हें आक्रामक छवि व तेज तर्रार नेता माना जाता है। इसके अलावा कई महाराष्ट्र-यूपी जैसे राज्यों में भी काम कर चुकी हैं।