BILASPUR. झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुए नक्सल हमले की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने NIA की अपील खारिज कर दी है। NIA ने झीरम घाटी कांड की जांच की थी, लेकिन जितेंद्र मुदलियार ने याचिका दायर कर कहा था कि एनआईए ने बृहद षड़यंत्र की जांच नहीं की है। इसलिए छत्तीसगढ़ पुलिस को इसकी जांच की अनुमति दी जाए। मुदलियार की अपील पर कोर्ट ने सहमति जताई। इसके बाद अब छग पुलिस झीरम कांड की जांच कर सकेगी। बता दें कि झीरम घाटी हत्याकांड में करीब 30 कांग्रेस नेताओं की हत्या नक्सलियों द्वारा की गई थी।
झीरम घाटी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि इस हत्याकांड की जांच NIA ने पहले की थी, लेकिन एनआईए ने बृहद षंड़यंत्र की जांच नहीं की और जांच को बंद कर दिया। इतना ही नहीं जब पुलिस द्वारा झीरमकांड की जांच कराने की याचिका लगाई गई तो एनआईए ने इस याचिका का भी विरोध किया।छत्तीसगढ़ पुलिस को जांच की अनुमति नहीं देने की याचिका भी NIA ने कोर्ट में लगा दी थी। इसी पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है।
बता दें कि याचिकाकर्ता जितेंद्र मुदलियार कांग्रेस नेता उदय मुदलियार के बेटे हैं। उदय मुदलियार की झीरम घाटी हत्याकांड में नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। मामले में याचिकाकर्ता के एडवोकेट सुदीप श्रीवास्तव ने अहम जानकारी दी है। इस मामले में सांसद सुनील सोनी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा था कि संस्था कौन सी जांच कर रही थी ये महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण ये है कि कांग्रेस की जांच में भूमिका क्या थी। जांच करने वाली संस्था को सबूत दिया या नही? इस महत्वपूर्ण भूमिका में कांग्रेस ने कोई सहयोग नहीं दिया। कांग्रेस ने हर बरसी में घाव कुरेदने का काम किया। कांग्रेस ने इस मामले को उलझा दिया है।