BILASPUR.छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से राज्य सरकार को प्रमोशन में आरक्षण मामले में राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट के डिविजन बेंच ने राज्य सरकार के आरक्षण पर लगी रोक के आदेश में संशोधन या फिर उसे रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया है।
बता दें, राज्य सरकार ने 22 अक्टूबर 2019 को प्रदेश में होने वाले प्रमोशन पर आरक्षण के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। जिसके खिलाफ रायपुर के एस संतोष कुमार ने अधिवक्ता योगेश्वर शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस जनहित याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व एनके चंद्रवंशी की बेंच में चल रही है। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने शासन की मांग पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था।
आरक्षण पर रोक लगाने की मांग
इस याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश और आरक्षण नियम के विपरीत है। इस बीच राज्य सरकार के साथ अनुसूचित जाति वर्ग के कर्मचारियों ने हस्तक्षेप करते हुए आवेदन प्रस्तुत किया था। इसमें मांग की गई थी कि प्रमोशन में आरक्षण रूके होने के कारण चार साल से एससी, एसटी कर्मचारियों का प्रमोशन रूका है। प्रमोशन नहीं मिल पा रहा है।
अधिसूचना पर लगाई है रोक
हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद से ही प्रदेश सरकार द्वारा जारी अधिसूचना पर रोक लगा दी थी। 2 दिसंबर 2019 को शासन की तरफ से महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा ने अधिसूचना तैयार करने में गलती होना स्वीकार किया था। इस गलती को सुधार करने के लिए कोर्ट ने एक सप्ताह का समय दिया था। लेकिन इस पर कोई अमल नहीं होने पर तत्कालीन चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने अधिसूचना पर रोग लगा दी थी। साथ ही सरकार को नियम के मुताबिक दो माह में फिर से नियम बनाने का आदेश दिया था।