BILASPUR. मंगलवार को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ी महिला क्रांति सेना नगर निगम सहित प्रमुख कार्यालय में पहुंची। वहां पर ज्ञापन देते हुए सभी सूचना पटल व अधिकारी-कर्मचारियों के पदनाम की पट्टिका छत्तीसगढ़ी में लिखने कहा। इस बार छत्तीसगढ़ी महिला क्रांति सेना ने कड़ा तेवर किया है। उन्होंने 15 दिनों को अंदर छत्तीसगढ़ी में सभी का नाम लिखने के लिए आग्रह किया है लेकिन नहीं करने पर आगे कोर्ट में जाने की बात भी कहीं है।
बता दें, छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस मनाया तो जाता है लेकिन प्रदेश में कहीं भी छत्तीसगढ़ी भाषा में न तो कुछ लिखा हुआ है और न नहीं काम काज में कुछ इस्तेमाल किया जा रहा है। राजभाषा बने 16 साल हो गए है लेकिन अन्य राज्यों की तरह प्रदेश में कोई भी राजभाषा का प्रयोग नहीं करता है। इसी बात को बताने के उद्देश्य से महिला क्रांति सेना नगर निगम आयुक्त के कार्यालय पहुंची और उनसे मांग की।
अमल न होने पर जाएंगे कोर्ट
छत्तीसगढ़ी महिला क्रांति सेना की ओर से दिया गया ज्ञापन भी छत्तीसगढ़ी भाषा में है और उसमें साफ-साफ लिखा गया है कि यदि 15 दिनों के बाद भी छत्तीसगढ़ी भाषा में सूचना पटल व पदनाम नहीं होंगे तो आगे कोर्ट का सहारा लिया जाएगा।
राजभाषा का महत्व समझना होगा
छत्तीसगढ़ी महिला क्रांति सेना की प्रदेशाध्यक्ष लता राठौर ने बताया कि राजभाषा का महत्व लोग समझ नहीं रहे है। हमें इस बात की नाराजगी है। हम राजभाषा को उसका स्थान दिलाएंगे और जब तक राजभाषा को सम्मान नहीं दिया जाएगा तब तक हम इस क्षेत्र में कार्य करेंगे। इस अवसर पर ज्ञापन देने के लिए लता राठौर के साथ संध्या सिंह, मधु कश्यप, सरोज ठाकुर, छाया तिवारी, जयंती सोनी व त्रिवेणी भोई उपस्थित रही।