BILASPUR.केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने पोती को नौकरी देने के आदेश दिए थे। जिसके लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में रेलवे की अपील की थी। जिसको खारिज करते हुए अनफिट बेटे की जगह पर पोती को नौकरी का हकदार बताया है।
बता दें, एसईसीआर ने चांपा बायपास रेलवे लाइन के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहित की थी। इसमें जनकराम और मालिक राम के नाम पर दर्ज 0.105 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया था। रेलवे कके नियों के अनुसार जमीन अधिग्रहण के बदले एक सदस्य को नौकरी दी जानी थी। जमीन के मालिक जनक राम ने नौकरी के लिए अपने बेटे ओमप्रकाश राठौर को नामांकित किया,
लेकिन मेडिकल टेस्ट में ओमप्रकाश को अनफिट घोषित कर दिया गया। इसके बाद ओमप्रकाश की बेटी और जनकराम की पोती हिना ने नौकरी के लिए आवेदन किया। रेलवे ने 11 अगस्त 2021 को आवेदन के नियमों का हवाला देते हुए उसे खारिज कर दिया। इसके बाद केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण जबलपुर में मामला प्रस्तुत किया गया।
यह कहा हाईकोर्ट ने
हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 2 सितंबर 2011 को जारी की गई अधिसूचना का उद्देश्य जमीन अधिग्रहण से प्रभावित परिवार के सदस्य को आजीविका के लिए नौकरी देना है। अधिसूचना के मुताबिक बेटा, बेटी, पति और पत्नी को नामांकित किया जा सकता है। लेकिन ऐसे मामले जहां इन चारों में से कोई भी नौकरी के लिए उपलब्ध नहीं है। वहां पोता-पोती को नौकरी देने पर विचार किया जा सकता है। इस आधार पर हाईकोर्ट ने रेलवे की अपील खारिज की।