BHILAI. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सूची जारी होने के बाद से कई सीटों पर विरोध चल रहा है। एक ऐसा ही सीट वैशाली नगर विधानसभा है। इस सीट से 67 कांग्रेस नेताओं ने टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन जिला कांग्रेस अध्यक्ष भिलाई नगर मुकेश चंद्राकर को प्रत्याशी बनाया गया है। इससे सभी 67 दावेदार नाराज हो गए हैं। इनमें से कुछ दावेदार पार्टी को डैमेज करने की कोशिश में भी जुट गए हैं। इसकी भनक लगते ही अब 67 दावेदारों का मान मनौवल शुरू हो गया है। इसके लिए खुद सीएम भूपेश बघेल ने मोर्चा संभाल लिया है और सभी उम्मीदवारों को साधने के लिए सीएम हाउस रायपुर बुलाया गया है।
वैशाली नगर विधानसभा में मुख्य चुनाव में अपना जीत का खाता खोलने के लिए पूरी कोशिश में जुट गई है। यहां केवल एक उपचुनाव ही कांग्रेस जीती है। इस बार यहां से 67 कांग्रेस उम्मीदवारों ने दावेदारी की थी। हालांकि पार्टी मुकेश चंद्राकर टिकट दे चुकी है, लेकिन नाराज दावेदार पार्टी को डैमेज करने की कोशिश कर सकते हैं, इसलिए अब मुख्यमंत्री भूपेश ने खुद हस्तक्षेप करना उचित समझा और सभी दावेदारों को सीएम हाउस बुलाया। इसकी जिम्मेदारी भिलाई नगर निगम के महापौर नीरज पाल को सौंपी गई और शुक्रवार की देर शाम सभी सीएम हाउस पहुंचे, लेकिन दो दावेदार अरुण सिसोदिया एवं पूर्व भिलाई अध्यक्ष तुलसी साहू को नहीं मनाया जा सका। इस दौरान कहा गया कि सभी को एकजुट होकर कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश चंद्राकर के पक्ष में चुनाव प्रचार करना है।
यह क्षेत्र बीजेपी का गढ़, इसे भेदने में जुटी कांग्रेस
दरअसल, वैशाली नगर विधानसभा सीट क्रमांक 66 साल 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। यहां की पहली विधायक भाजपा की सरोज पांडेय थीं। सरोज एक ही समय में विधायक और सांसद भी रहीं। हालांकि सांसद बनने के बाद सरोज को विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद यहां उपचुनाव हुए, उपचुनाव में कांग्रेस के भजन सिंह निरंकारी की जीत हुई। ये सीट सामान्य सीट है और यहां हर वर्ग के लोग रहते हैं। शुरू से ही यह सीट भाजपा का गढ़ रही है। इसे भेदने के लिए कांग्रेस पूरी कोशिश में जुट गई है। इस क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 50 हजार 471 है। इसमें 1 लाख 25 हजार 410 पुरुष एवं 1 लाख 25 हजार 50 महिलाएं और तृतीय लिंग के 11 मतदाता हैं।