RAIPUR. शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो हजार से अधिक शिक्षकों की पोस्टिंग निरस्त कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अनुमोदन के बाद विभाग ने ये फैसला किया है। वहीं एक आदेश ऐसा तैयार किया गया है कि शिक्षकों को कानूनी राहत की गुंजाइश नहीं के बराबर होगी।
इस आदेश में पूरा विवरण दिया गया है कि किस तरह अधिकार न होने के बाद भी ज्वाइंट डायरेक्टरों ने ट्रांसफर प्रतिबंधित होने के बाद भी ट्रांसफर कर दिया। इसमें पांचों कमिश्नरों की जांच का हवाला दिया है, जिसमें सभी ने भ्रष्टाचार की पुष्टि की है।
वहीं विभाग ने शिक्षकों से कहा है कि 10 दिन के भीतर पूर्व पोस्टिंग वाले स्कूलों में ज्वाईन करें, वरना उनका प्रमोशन निरस्त कर दिया जाएगा। बता दें कि इसके पहले सरकार ने चार ज्वाइंट डायरेक्टरों को निलंबित कर दिया था।
प्रमोशन के बाद शिक्षक पोस्टिंग आदेश में संशोधन के नाम पर प्रदेश में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ। यह मामला कितना बड़ा है, इससे ही समझा जा सकता है कि सरकार ने पांच में से चार ज्वाइंट डायरेक्टरों को निलंबित कर दिया। स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे ने संशोधन निरस्त करने के साथ ही अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने का ऐलान किया था। पोस्टिंग निरस्त करने के लिए समन्वय में फाइल भेजी गई थी। मुख्यमंत्री समन्वय के प्रमुख होते हैं। उन्होंने इस नोटशीट पर दस्तखत कर दिया है।
स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक से उच्च वर्ग शिक्षक औऱ उच्च वर्ग शिक्षक से मिडिल स्कूल हेडमास्टर के पद पर की गई पदोन्नति के बाद पोस्टिंग में संशोधन को लेकर हलचल मची हुई है। संशोधन आदेश निरस्त होने के बाद हलचल बढ़ गई है। इसे लेकर क़ानूनी पहलू पर भी चर्चाएं चल रही हैं। कटघोरा में इसे लेकर शिक्षक संघ ने संसोधन आदेश को निरस्त करने को लेकर अपना विरोध जताया है। कटघोरा के पुष्प वाटिका में छत्तीसगढ़ शिक्षा संघर्ष मोर्चा की बैठक सम्पन्न हुई। स्कूल शिक्षा विभाग में संशोधन पदोन्नति की प्रक्रिया को यथावत रखने के लिए छत्तीसगढ़ शिक्षा संघर्ष मोर्चा ने मांग की। साथ ही शिक्षकों की जरूरत व नियमानुसार पदोन्नति होने का दावा किया गया। हालांकि पदोन्नति में गड़बड़ी की पुष्टि हो चुकी है। साथ ही जेडी प्रभारी व बाबू के खिलाफ कार्रवाई भी हो चुकी है। इस बीच के संशोधन आदेश को निरस्त करने से बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न होने की संभावनाएं भी बढ़ गई है।