BHOPAL. बीमारियों से ग्रसित लोग अक्सर बेहतर इलाज के लिए नई-नई दवाइयां व तरीके अपनाते रहते है। कभी होमियोपैथी दवाइयां तो कभी एलोपैथी का सहारा लेकर वे जल्दी ठीक होने की उम्मीद करते रहते है। लेकिन इस समय बाजार में एक ऐसी दवा आई है जिससे आपके ग्रहों के आधार पर बिमारी का इलाज किया जाएगा।
दरअसल एस्ट्रो मेडिसिन अर्थात ज्योतिष गणित में व्यक्ति के कुंडली में ग्रहों और सितारों के प्रभाव के आधार पर उसके स्वास्थ्य सुधार के लिए उपचार किया जाता है। इसके अनुसार, प्रत्येक ग्रह और राशि एक विशिष्ट बीमारी से जुड़ी हुई होती है।
जैसे यदि किसी व्यक्ति की दशा अंतर्दशा में शनि चल रहा है तो उस व्यक्ति को हड्डी संबंधी बीमारियां होने लगती है या फिर वह किसी बड़ी दुर्घटना का शिकार भी हो सकता है। इसके अलावा पुलिस एवं न्यायालय संबंधी घटनाएं भी सामने आने लगती है।
मेडिकल साइंस की माने तो ऐसे में कैल्शियम, विटामिन ई, विटामिन डी, मिनरल्स एवं प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने की सलाह दी जाती है। इससे न केवल जातक का सही उपचार होता है बल्कि इन पदार्थो के सेवन से व्यक्ति बलवान भी महसूस करता है।
वही यदि किसी व्यक्ति का समय यदि राहु के अधीन है तो उसे गैस संबंधी बीमारियां, पेट की आंतों में सूजन, पाइल्स, फिशर तथा मानसिक टेंशन काफी होने लगता है। इसके उपचार हेतु हल्का खाना की सलाह दी जाती है साथ ही वसा, तेल खाने से मना किया जाता है। मेडिकल साइंस से डाइजेशन सिस्टम की बीमारियों का भी हल निकाला जाता है।
यह भी माना जाता है कि, जब तक कोई ग्रह किसी व्यक्ति की बीमारी को लेकर चल रहा है या उसकी दशा अंतर्दशा में वह ग्रह है तब तक उससे संबंधित बीमारियां भी खत्म नही होती। ऐसे में जब तक उसे कोई सहायक ग्रह नहीं मिल जाता तथा उस ग्रह की दशा अंतर्दशा नहीं चली जाती है तब तक उस व्यक्ति का इलाज होने में समस्या आती रहती है। इन सब समस्याओं से हताश होने पर व्यक्ति पर कमजोर होने, या बड़ी बीमारी का खतरा तथा मृत्यु का भी खतरा बना होता है। इस स्थिति में उपचार के लिए आधुनिक तथा आध्यात्मिक दोनों तरीको को जोड़ा जाता है और बीमार व्यक्ति का इलाज किया जाता है।
भोपाल के न्यू मार्केट स्थित वेदांत इंस्टीट्यूट में मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए एस्ट्रो मेडिसिन्स पर आचार्य गिरीश व्यास द्वारा व्याख्यान रखा गया था। इसमें विद्यार्थियों ने ज्योतिष के आधार पर बिमारी के इलाज के बारे में जाना।