RAIPUR. प्रदेश में मानसून का आगमन हो गया है। किसान अपनी खेतों में फशाल लगाने की तयारी में है। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों, किसानों, सरपंचों, ग्राम पटेलों, गौठान समितियों और अधिकारियों से गांव में 06 जुलाई से 17 जुलाई तक ‘रोका-छेका’ करने की अपील की है। उनका कहना है कि मानसून के आगमन के साथ गांवों में बोनी और रोपा का काम भी शुरू हो गया है। ऐसे में फसलों की रखवाली करना जरूरी है। अब ‘रोका-छेका’ का समय आ गया है। ऐसा करने से आवारा मवेशियों से फसलों को बचाने में मदद मिलेगी। वहीं मुख्यमंत्री ने ‘रोका-छेका’ के लिए गांवों में मुनादी कराने तथा गौठानों में पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था कराने का आग्रह भी किया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि के वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में 18 करोड़ 47 लाख रूपए की राशि का ऑनलाईन अंतरण किया।
मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेशवासियों को इस माह की 17 तारीख को आ रहे हरेली त्यौहार की शुभकामनाएं दीं। साथ ही उन्होंने किसानों से धान के साथ-साथ खरीफ की अन्य फसलों की खेती बढ़ाने का आग्रह किया है। साथ ही कहा कि आज छत्तीसगढ़ में सभी फसलों का अच्छा मूल्य मिल रहा है। किसानों को धान के अलावा खरीफ की अन्य फसलें भी लेनी चाहिए। अब छत्तीसगढ़ में खाद-बीज की कमी नहीं होने दी जाएगी, हमारे गौठानों में भी पर्याप्त मात्रा में जैविक खाद उपलब्ध है। इस दौरान उन्होंने किसानों को खरीफ सीजन में ज्यादा से ज्यादा जैविक खाद और जैविक कीटनाशक का उपयोग करने की अपील की।
48 लाख हेक्टेयर में बोनी का लक्ष्य किया तय
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कई इलाकों में अच्छी बारिश हो रही है। बोनी का काम शुरु हो गया है, बीजों का चयन किस प्रकार करना है, इसके बारे में ज्यादा बताने की जरूरत नहीं है। लेकिन फिर भी उन्होंने कहा कि किसान कृषि विभाग से मार्गदर्शन लेते रहें, क्योंकि अनुभव के साथ विज्ञान के मेल से और भी अच्छे परिणाम मिलेंगे। साथ ही कहा कि अभी तक प्रदेश में 03 लाख 33 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसल की बोनी हो चुकी है। इस सीजन के लिए 48 लाख 20 हजार हेक्टेयर में बोनी का लक्ष्य तय किया गया है।
धान बेचने में सबसे ज्यादा योगदान छत्तीसगढ़ के किसानों का
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहलाता है। पिछले खरीफ मार्केटिंग सीजन में छत्तीसगढ़ ने केंद्रीय पुल में न सिर्फ सबसे ज्यादा योगदान दिया था, बल्कि देशभर में धान बेचने वाले कुल किसानों में छत्तीसगढ़ के किसानों की संख्या सबसे अधिक रही थी। पिछले साल 107 लाख 53 हजार मीटरिक टन धान छत्तीसगढ़ से खरीदा गया था। जिसमें प्रदेश के लगभग 24 लाख किसानों ने धान बेचा था।
हरेली की तयारी शुरू
वहीं मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इस साल भी हरेली उत्साहपूर्वक मनायी जाएगी। राज्य शासन द्वारा आम नागरिकों के लिए गेड़ी की खास व्यवस्था की जा रही है। वन विभाग द्वारा और स्व-सहायता समूहों द्वारा गेड़ियां बनाकर बेची जाएगी। वहीं इन गेड़ियों को वन विभाग के कार्यालय से, सी-मार्ट से और गौठानों से कोई भी नागरिक निर्धारित शुल्क देकर खरीद पाएगा। गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को आज वितरित राशि को मिलाकर अब तक 507.14 करेाड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। इसमें से गोबर विक्रेताओं को 247.12 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। छत्तीसगढ़ में 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है। गौठानों में महिला समूहों को आय मूलक गतिविधियों से अब तक 158 करोड़ 42 लाख रूपए की आय हो चुकी है।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास प्रसन्ना आर, विशेष सचिव कृषि डॉ. अय्याज एफ. तम्बोली, संचालक कृषि रानू साहू, अपर मुख्य प्रधान वन संरक्षक अरुण कुमार पाण्डेय, रीपा के राज्य नोडल अधिकारी गौरव सिंह, एनआरएलएम की राज्य नोडल अधिकारी पदमिनी भोई, संचालक पशुधन चन्दन संजय त्रिपाठी सहित संबंधित अधिकारी इस दौरान उपस्थित रहे।