NEW DELHI. मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो कल यानी 19 जुलाई को सामने आया है। हालांकि, यह घटना मई की है। इस वीडियो को देखकर पूरा देश शर्मसार है। इस वीडियो में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर ले जाती हुई भीड़ दिख रही है। महिलाओं के साथ इस दौरान मारपीट भी की गई और अश्लीलता की तौ खैर हदें ही पार हो गईं।
अब इस कांड का मुख्य आरोपी, जो महिला को पकड़े था, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। महिलाओं के साथ ऐसी शर्मनाक हरकत को लेकर विपक्ष ने राज्य और केंद्र सरकार को घेर लिया है। कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी की चुप्पी और सीएम एन बीरेन सिंह पर भी सवाल खड़े किए हैं।
पीएम बोले- जो हुआ उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता
वहीं सियासी बवाल के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि इस वीडियो को देखकर मैं गुस्से में हूं। आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। मणिपुर पर मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा है।
सीएम ने कहा- सभी अपराधियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई
सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा कि वीडियो सामने आने के बाद राज्य सरकार ने वीडियो का स्वत: संज्ञान लिया। मामले में जांच के आदेश दिए गए और मणिपुर पुलिस ने कार्रवाई कर 20 जुलाई को ही पहली गिरफ्तारी भी कर ली है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। दोषियों को मृत्युदंड दिए जाने की संभावना पर भी विचार किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त
इधर, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कल जो वीडियो सामने आया है, उसे देखकर वह स्तब्ध हैं। ऐसी घटनाएं पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। हिंसा में महिलाओं को एक उपकरण के रूप में उपयोग करना मानवाधिकारों और संवैधानिक अधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है।
हम सरकार को इस पर कार्रवाई के लिए कुछ समय दे रहे हैं, नहीं तो फिर हम कार्रवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम जानना चाहते हैं कि सरकार ने क्या कदम उठाए हैं, ताकि ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं। मामले में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में कोर्ट को बताया जाए, ताकि अपराधियों पर ऐसी हिंसा के लिए मामला दर्ज किया जा सके। इस मामले में 28 जुलाई को सुनवाई करेंगे।
जानिए क्या है पूरा मामला
बताते चलें कि 4 मई की दोपहर करीब 3 बजे सैकड़ों लोगों की भीड़ बी. फेनोम गांव में घुस गई थी। घरों में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी गई थी और संपत्ति को लूटा गया था। इस दौरान दो पुरुष और तीन महिलाएं यानी कुल पांच लोग जान बचाने के लिए जंगल में भाग गए थे। उनमें 56 वर्षीय एक व्यक्ति, उसका 19 वर्षीय बेटा और 21 वर्षीय बेटी के अलावा 42 वर्षीय और 52 वर्षीय महिला थीं.
बाद में पुलिस ने उन्हें जंगल से रेस्क्यू कर लिया था। पुलिस जब उन्हें अपने साथ लेकर आ रही थी, तभी नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन से दो किमी दूर भीड़ ने उन्हें रोक लिया था। आरोपी पुलिस के कब्जे से पीड़ितों को खींच कर ले गए। इस दौरान भीड़ ने 56 वर्षीय एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी।
इसके बाद तीनों महिलाओं को निर्वस्त्र कर दिया था। भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने 21 वर्षीय युवती का गैंगरेप किया। युवती के छोटे भाई द्वारा विरोध करने पर उसकी भी हत्या कर दी गई थी। इस बीच एक महिला भाग निकली थी। वारदात के बाद भीड़ ने दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र की सड़क पर घुमाया था।