LUCKNOW. बला की खूबसूरती और बातों में शहद सी मिठास। हंसती हुई आवाज में बातें करने वाली लड़की सामने हो, तो कोई भी फिसल जाए। इसके बाद हनी ट्रैप और ब्लैकमेलिंग… यह है पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का नया हथियार, जिसके जरिये यूपी सहित कई राज्यों के पुलिस और सैन्य अधिकारियों को जाल में फंसाने की साजिश रची जा रही है।
आईएसआई ने 14 सुंदरियों को इस काम के लिए तैनात किया है। इस बात की जानकारी मिलने के बाद यूपी इंटेलिजेंस ने अफसरों को ISI के हनी ट्रैप से बचने की सलाह दी है। यह अलर्ट 26 जून को जारी किया गया है। अन्य जांच एजेंसियां और खुफिया एजेंसियां भी छानबीन में जुटी हैं। हालांकि, अभी तक किसी अधिकारी के इस तरह के मामले में शामलि होने की जानकारी सामने नहीं आई है।
इसके साथ ही इन सुंदरियों की फोटो, मोबाइल नंबर और यूआरएल (यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर) भी शेयर किए गए हैं, ताकि हर अधिकारी इनसे बच सके। अधिकारी और कर्मचारियों के अलावा उनके परिवारीजन के हनीट्रैप की साजिश है। इन लड़कियों को पाकिस्तानी इंटेलीजेंस आपरेटिव यानी पीआइओ कहा जाता है। सुंदर युवतियों की तस्वीर लगाकर वाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और इंटरनेट मीडिया के अन्य प्लेटफार्म पर अकाउंट बनाए गए हैं। भारतीय मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करते हुए सभी अकाउंट खोले गए हैं। जारी अलर्ट में कहा गया है कि यूपी पुलिस और अन्य सुरक्षा संबंधी विभागों व संगठनों के अधिकारियों और कर्मियों से आडियो और वीडियो काल के दौरान पीआइओ की महिला एजेंट अश्लील बातें करती हैं।
अधिकारियों को अपने हुस्न के जाल में अधिकारियों को पहले फंसाती हैं। इसके बाद इन आडियो-वीडियो की रिकार्डिंग लीक करने का डर दिखाकर ब्लैकमेल किया जाता है। बदले में उनसे देश की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील और गोपनीय सूचनाएं मांगी जाती हैं। स्पाइवेयर लिंक के जरिये उनके मोबाइल और लैपटॉप से डाटा हैक किया जाता है।
बताते चलें कि यूपी एटीएस ने महाराष्ट्र एटीएस की मदद से साल 2018 में नागपुर स्थित ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट के सीनियर सिस्टम इंजीनियर निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। उन पर जासूसी में शामिल होने का संदेह था। इसी तरह साल 2016 में बीएसएफ जवान अच्युतानंद मिश्रा भी हनीट्रैप का शिकार हुआ था।