RAIPUR. छत्तीसगढ़ में एक बार इंदिरा प्रियदर्शनी महिला सहकारी बैंक घोटाला चर्चा में हैं। दरअसल, इस मामले में केस दर्ज होने के बाद अब आरोपी बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा के नार्को टेस्ट की फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) रिपोर्ट और सीडी पुलिस को सौंपी गई है। न्यायलय के आदेश के बाद पुलिस को सीडी और रिपोर्ट मिली। पुलिस सीडी और FSL रिपोर्ट का अवलोकन कर दोबारा जांच शुरू करेगी। बताया जा रहा है कि इस जांच में कई और बिंदु सामने आ सकते हैं। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि जांच के बाद कई बड़े लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
गौरतलब है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने पिछले विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि छत्तीसगढ़ में सरकार बनी तो इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की जांच कराएंगे। पिछली सरकार ने बैंक घोटाले की चार्जशीट कोर्ट में पेश करने के दौरान नार्को टेस्ट की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की थी, जबकि वायरल वीडियो में कई बड़े लोगों के नाम थे। इसके बाद ही कांग्रेस ने पूर्ववर्ती रमन सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और जांच की मांग शुरू की थी। पिछले 21 जून को बिलासपुर उच्च न्यायलय ने बैंक घोटाले की दोबारा जांच के आदेश दिए थे।
ये है पूरा मामला
रायपुर स्थित बैंक में साल 2006 में 54 करोड़ रुपए का घोटाला की बात सामने आई। कोतवाली पुलिस ने मैनेजर का नार्को टेस्ट कराया। नार्को टेस्ट में मैनेजर ने कई प्रभावशाली लोगों का नाम लेकर उन्हें पैसे देने की बात की थी। नार्को टेस्ट में घोटाले के प्रमुख अभियुक्तों में से एक उमेश सिन्हा ने बताया था कि उसने पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, बृजमोहन अग्रवाल व रामविचार नेताम सहित कई भाजपा नेताओं को करोड़ों रुपये दिए थे। बैंक संचालकों सहित कई अन्य लोगों को भी पैसे दिए गए।