RAIPUR. छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले को लेकर एक नई बात सामने आ रही है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार भिलाई के दो CA झारखंड में भी शराब नीति का गणित बताने एक्सपर्ट के तौर पर गए थे। ये दोनों वही CA हैं, जो छत्तीसगढ़ में आबकारी विभाग का भी वित्तीय प्रबंधन देखते हैं। पिछले दिनों ED (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा गिरफ्तार गिए गए आबकारी आयुक्त अरुणपति त्रिपाठी के व्यक्तिगत खातों का प्रबंधन भी यही दोनों CA करते थे।
छत्तीसगढ़ में करीब दो से ढाई हजार के शराब घोटाले को लेकर ED जांच कर रही है। रायपुर मेययर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के अलावा आबकारी आयुक्त अरुणपति त्रिपाठी, भिलाई के कुछ शराब व्यापारी ED के हत्थे चढ़ चुके हैं। कार्रवाई लगातार जारी है। इसी बीच एक नई बात सामने आई है। भिलाई के दो सीए शराब घोटाले से सीधे जुड़े हो सकते हैं। क्योंकि यही दो CA आबकारी विभाग के खातों के ऑडिट का काम कर रहे थे। दोनों CA आबकारी आयुक्त अरुणपति त्रिपाठी के कितने करीबी थे, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यही दोनों सीए आबकारी आयुक्त का व्यक्तिगत वित्तीय प्रबंधन भी देखते थे।
शराब नीति बनाने में बड़ी भूमिका
सूत्रों की मानें तो भिलाई के इन दोनों CA ने छत्तीसगढ़ की शराब नीति बनाने में परदे के पीछे से सक्रिय भूमिका निभाई थी। यही नहीं चौंकाने वाली बात ये है कि ये दोनों CA झारखंड सरकार को भी शराब नीति का पाठ पढ़ाने गए थे। बता दें कि आबकारी आयुक्त अरुणपति त्रिपाठी पर आरोप है कि उन्होंने सरकार को बिना बताए झारखंड में भी आबकारी विभाग के लिए कंसलटेंसी का काम किया है। अगर ये तथ्य सही हैं तो यह साफ हो जाता है कि शराब के काले कारोबार में भिलाई के इन दोनों CA की सक्रिय भूमिका रही है।