ANKARA. तुर्की ने सीरिया में एक खुफिया अभियान के दौरान आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) के सरगना अबू हुसैन अल-कुरैशी को मार गिराया. राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने यह घोषणा की. सरकारी अनादोलु समाचार एजेंसी ने एर्दोगन के हवाले से कहा, राष्ट्रीय खुफिया संगठन (एमआईटी) लंबे समय से आईएस नेता अबू हुसैन अल-कुरैशी का पीछा कर रहा था. राष्ट्रपति ने कहा, यह पहली बार है जब मैं यहां यह कह रहा हूं. एमआईटी द्वारा चलाए गए एक ऑपरेशन में इस व्यक्ति को मार गिराया गया. हम बिना किसी भेदभाव के आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखेंगे.
नवंबर 2022 में आतंकी समूह ने अपने पिछले नेता अबू हसन अल-हाशिमी अल-अल-कुरैशी की मौत की घोषणा की थी. उनकी जगह अबू हुसैन अल-कुरैशी को नियुक्त किया था. 2013 में तुर्की आईएस को आतंकवादी संगठन घोषित करने वाले पहले देशों में से एक था. तब से देश पर कई बार आतंकवादी समूह द्वारा हमला किया गया है. इसमें कम से कम 10 आत्मघाती बम विस्फोटों, सात बम हमलों और चार सशस्त्र हमलों में 300 से अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं.
जवाब में, तुर्की ने देश और विदेश में आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवादी समूह ने एक बार उत्तरी इराक से उत्तर-पूर्वी सीरिया तक 88 हजार वर्ग किमी क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था और लगभग 80 लाख लोगों पर अपना क्रूर शासन लागू कर दिया था. समूह को 2019 में अपने अंतिम क्षेत्र से खदेड़ दिया गया था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल जुलाई में चेतावनी दी थी कि यह खतरा बना हुआ है. अनुमान है कि सीरिया और इराक में आईएस के लगभग 10 हजार लड़ाके हैं, जो ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं और घात लगाकर हमला करते हैं.
तुर्की के खुफिया एजेंटों और स्थानीय सैन्य पुलिस ने आफरीन के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में जिंदिरेस के एक क्षेत्र को सील कर दिया था. ऑपरेशन में एक खेत को निशाना बनाया था जिसे एक इस्लामिक स्कूल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था. तुर्की ने 2020 से उत्तरी सीरिया में सैनिकों को तैनात किया है और सीरियाई सहायक की मदद से पूरे क्षेत्र को नियंत्रित करता है. गौरतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने उत्तरी सीरिया में अप्रैल के मध्य में एक अभियान में एक हेलीकॉप्टर पर हमला किया था. अमेरिका का दावा था कि आईएसआईएस यूरोप और मध्य पूर्व में हमलों की योजना बना रहा था.