RAIPUR. छत्तीसगढ़ में चुनावी साल में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। इस समय किसी तरह के बयानबाजी हो, उस पर पलटवार जरूर होता है। इस बीच, प्रदेश में विपक्ष ने एक बार फिर भूपेश सरकार निशाना साधा है। छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने बीजेपी प्रदेश कार्यालय एकात्म परिसर में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सीएम भूपेश पर आरोप लगाते हुए साव ने कहा कि जेल में बंद सौम्या चौरसिया अभी भी मुख्यमंत्री सचिवालय में उपसचिव हैं। शासकीय सूत्रों के हवाले से बहुत पहले ही प्रकाशित किया गया था कि सौम्या और विश्नोई समेत सभी आरोपियों को निलंबित कर दिया गया है। आज ईडी को कारवाई के लिए पत्र लिखना पड़ रहा है, लेकिन ऐसी क्या मजबूरी है कि भूपेश आरोपियों को निलंबित करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं, ऐसी क्या राजदारी है, जिसके खुल जाने का डर है सीएम को सता रहा है।उन्होंने सीएम से सवाल करते हुए पूछा कि वो स्पष्ट करें कि सौम्या चौरसिया को निलंबित किया गया है या वह आज भी अपने पद पर बनी हुई हैं। जैसा कि सीएमओ के पोर्टल में दिख रहा है? अगर वह आज भी इस पद पर बनी हुई हैं और शासकीय सूत्रों से यह छप रहा था कि आरोपियों को सस्पेंड कर दिया गया है तो यह सीधे तौर पर ब्रीच ऑफ ट्रस्ट है। कांग्रेस सरकार ने ट्रस्ट डेफिसिट पैदा किया है। मुख्यमंत्री ने विश्वासघात और संविधान के लिए गए शपथ का उल्लंघन किया है।
सीएम भूपेश पर बड़ा आरोप लगाते हुए साव ने कहा कि भूपेश है, तो भ्रष्टाचारियों को बचने का भरोसा है। यह नारा भ्रष्टाचारियों के लिए है। राज्य सरकार गरीब जनता का पैसा लूटने वालों को संरक्षण दे रही है। कांग्रेस सरकार ने सबसे ज्यादा भरोसे का ही कत्ल किया है। राज्य सरकार भी भ्रष्टाचार के मामलों में भागीदार है। जनता कांग्रेस को सबक सिखाने तैयार है। प्रेसवार्ता में बीजेपी प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप, प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, प्रदेश प्रवक्ता दीपक महस्के उपस्थि रहे।
एनडीए कार्यकाल में ईडी ने जब्त किए 1 लाख 10 हजार करोड़
मीडिया से चर्चा के दौरान साव ने कहा कि ईडी के यूपीए के कार्यकाल में 5 हजार करोड़ जब्त हुए थे, जबकि एनडीए के शासन में 1 लाख 10 हजार करोड़ वसूले गए हैं। उसमें से 5 फीसदी भी पॉलिटिकल लोगों का नहीं है। यह आरोप लगाना गलत है कि ईडी केवल विपक्ष पर कारवाई करती है। मनी लॉडिंग के तहत अभी कुल 5,906 मामले दर्ज हैं, जिनमें महज 176 यानी मात्र 2.98 प्रतिशत मामले राजनीति से जुड़े लोगों के खिलाफ हैं।