RAIPUR. छत्तीसगढ़ में प्रदेश स्तर पर चल रही इमरजेंसी कॉलिंग सिस्टम डॉयल-112 की बीते साल कई उपलब्धियां रही। साल 2022 के दौरान करीब पौने सात लाख प्रकरणों में सहायता पहुंचायी गई। अधिकारियों ने बताया कि बीते साल डॉयल-112 पर कुल छह लाख 78 हजार तीन सौ 87 कॉल्स आए, जिसे प्रदेश में मौजूद टीम ने सहायता पहुंचायी। इसमें प्रमुख रूप से पुलिस सहायता संबंधी, मेडिकल इमरजेंसी संबंधी और आगजनी के प्रकरण शामिल है। इसके साथ ही 64 हजार तीन सौ 81 सड़क दुर्घटनाओं में मामले में भी डॉयल-112 ने कॉल्स के आधार पर मदद पहुंचायी और घायलों को हॉस्पिटल तक पहुंचाया गया।
डॉयल 112 द्वारा प्रसव पीड़ा से पीड़ित 31 हजार नौ सौ 42 प्रसूतियों को सहायता पहुंचायी गई है और इस दौरान कुल पांच सौ 15 बच्चों का जन्म इमरजेंसी वाहन में ही हुआ है। इसी तरह अपने आप को असुरक्षित महसूस करने वाली तीन सौ 67 महिलाओं को उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाया गया है। राह भटके हुए बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। साथ ही साथ डॉयल-112 द्वारा कुछ प्रकरणों में घायल तथा जंगलों से भटक गए वन्य प्राणियों हिरण, बंदर, गाय, अजगर और पैंगोलीन जैसे दुर्लभ जीव को रेस्क्यू किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि कोरोना महमारी के दौरान दो सौ 41 प्रकरणों में आपातकालीन वाहन भेजा गया। साथ ही नौ हजार एक सौ 78 आत्महत्या के प्रकरणों में व्यक्तियों को सहायता पहुंचाने के साथ ही उन्हें खुदकुशी करने से रोका भी गया। इसमें टॉवर पर, पेड़ों पर चढ़े, नदी में कूदे एवं कुएं में कूदे व्यक्ति शामिल थे, जिन्हें डॉयल-112 की टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर उनके प्राणों की रक्षा की गई। बच्चों से संबंधित तीन हजार सात सौ 17 मामलों में आपातकालीन सहायता उपलब्ध कराई गई। घर एवं अन्य संस्थाओं में सांप निकलने की सूचना संबंधी चार हजार छह सौ 92 प्रकरणों में सहायता भेजी गई एवं सर्प को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ा गया। आगजनी संबंधित घटनाओं के नौ हजार चार सौ 70 मामलों में डॉयल-112 द्वारा मदद की गई। साल 2023 से लेकर वर्ष 2022 तक धान खरीदी अवधि में छह हजार लोगों की सूचना पर धान खरीदी से संबंधित समस्या तात्कालिक रूप से संबंधित विभाग को निराकरण के लिए प्रेषित की गई है।