RAIPUR. प्रदेश में प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने आज फिर एक कार्रवाई की है। मनी लॉन्ड्रिंग, कोल स्कैम मामले में एक और शख्स गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के अनुसार भिलाई के कारोबारी दीपेश टांक ने मनी लॉन्ड्रिंग, कोल स्कैम मामले में गिरफ्तार आरोपियों को 50 एकड़ जमीन बेची थी। ईडी द्वारा गिरफ्तार के बाद दिपेश टांक को विशेष न्यायधीश अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में पेश किया गया है। दोनो पक्षों की सुनवाई के बाद स्पेशल जज अजय प्रताप सिंह ने दीपेश टांक को चार दिन की रिमांड पर ईडी को सौंपा हैं। अगली सुनवाई 27 जनवरी को की जाएगी। 27 जनवरी की सुबह 11 बजे कोर्ट में दीपेश को फिर से पेश किया जाएगा। वहीं रिमांड के दौरान हर दूसरे दिन दीपेश से अधिवक्ता को मिलने की अनुमति दी गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले में दीपेश टांक ने बीते 9 दिसंबर को कोर्ट में ईडी द्वारा प्रताड़ित करने की शिकायत की थी। गौरतलब है कि इससे पहले मनी लाड्रिंग और कोयला घोटाला मामले में ईडी कारोबारियों और अधिकारियों को गिरफ्तार कर चुकी है। बताया गया कि दीपेश का धमधा रोड के पास 51 एकड़ जमीन के सौदे से इसका नाम जुड़ा है। दावा किया जा रहा है कि जमीन इसी की थी, जिसकी डील मनी लांड्रिंग के आरोपियों के साथ की गई थी। अब ईडी के अफसरों इसकी 8 दिनों की रिमांड मांगी। करीब डेढ़ घंटे चली बहस के बाद अदालत ने 4 दिनों की रिमांड मंजूर कर दी। दीपेश टांक अब 4 दिनों तक ईडी की कस्टडी में ही रहेगा और इससे पूछताछ की जाएगी।
गौरतबल है कि पिछले दिनों ही जेल में बंद निलंबित राज्य सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया की कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी। ईडी ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि वह प्रभावशील महिला हैं, उन्हें जमानत मिलने से जांच प्रभावित होगी। बचाव पक्ष की ओर से कहा गया था कि, जिन धाराओं में उनकी गिरफ्तारी हुई है, वह केस उन पर बनता ही नहीं है। ईडी की तलाशी में सौम्या चौरसिया के यहां से कोई आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद नहीं हुई थी। कोल परिवहन मामले से उनका कोई लिंक भी नहीं है। मनी लांड्रिंग केस में एक महिला को इतने अधिक समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता। उनका कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।